रामलीला मैदान बना मिथिलानगरी, सीता जन्म का उत्सव मनाया गया

आगरा, 06 अक्टूबर। रामलीला मैदान शुक्रवार को मिथिला नगरी के रूप में सजा नजर आया। लीला में महाराज जनक बने पी एल शर्मा तथा महारानी सुनयना बनी कमला शर्मा द्वारा हल चलाया जाता है। हल घड़े से टकराता है। घड़े से पृथ्वी पर जानकी का अवतरण होता है।
जानकी के जन्म लेते ही राजा जनक व महारानी सुनयना उत्साहित हो उठे। मिथिला नगरी में चारों और बधाई गान गाये जा रहे हैं। पण्डाल में उपस्थित महिलाओं द्वारा नृत्य किया गया। बधाई गाई गई। राजा जनक व महारानी सुनयना द्वारा खिलौने, मिठाई, फल, मेवा, चाकलेट व टॉफियों का वितरण पूरे पण्डाल में किया गया। 
जनकपुरी संजय प्लेस से मुरारी प्रसाद अग्रवाल,  अनिल वर्मा, गजेन्द्र शर्मा, बीएस बघेल, विनय मित्तल, अनिल अग्रवाल, मुकेश अग्रवाल, हीरेन अग्रवाल  समेत कई पदाधिकारी आये हुए थे। जनक परिवार के साथ शिक्षा, शिवम, सुमन, काशवी, लक्ष्मी, सोनी, अनु देविका उन्नति उपस्थित थीं। 
अगले चरण में मुनि विश्वामित्र का अयोध्या में आना तथा राजा दशरथ से अपने यज्ञ की रक्षा हेतु श्रीराम चन्द्र तथा लक्ष्मण को मांगना, महाराज दशरथ द्वारा भगवान राम एवं भ्राता लक्ष्मण को यज्ञ की रक्षा हेतु विश्वामित्र जी के साथ भेजना, दोनों भाई मुनि विश्वामित्र के साथ जा रहे थे तभी मुनि द्वारा राक्षसी ताड़का को दिखाना, राम द्वारा एक ही बाण से ताड़का को परमधाम पहुंचाने की लीला हुई। इस अवसर पर ताड़का का पुतला भी जलाया गया।
रामलीला मैदान में आज की लीला में रामलीला कमेटी के अध्यक्ष विधायक पुरुषोत्तम खंडेलवाल, महामंत्री राजीव अग्रवाल समेत प्रमुख पदाधिकारी उपस्थित थे।अहिल्या उद्धार एवं पुष्प वाटिका
रामलीला के अंतर्गत शनिवार को सायं पांच बजे से चन्नोमल की बारहदरी रावतपाड़ा से झांकियां नगर परिभ्रमण करते हुए रामलीला मैदान पहुंचेंगी। सायं सात बजे से रामलीला मैदान में अहिल्या उद्धार एवं पुष्प वाटिका की लीला का मंचन किया जायेगा।
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