जनकमहल के लिए दो दुकानदारों की कभी हां कभी ना
आगरा, 01 सितम्बर। संजय प्लेस में सजने जा रही जनकपुरी में जनकमहल के लिए प्रस्तावित स्थल को लेकर एक-दो दुकानदार अड़ियल रवैया अपनाए हुए हैं। जनकपुरी महोत्सव समिति का दावा है कि प्रस्तावित स्थल के अधिकांश दुकानदार सहयोग करने को तैयार हैं, केवल दो दुकानदार ही कभी हां और कभी न कर रहे हैं।
जनकपुरी समिति के उपाध्यक्ष विनय बंसल, बीएस बघेल, आरएस सेंगर और महामंत्री हीरेन अग्रवाल ने शुक्रवार को बताया कि संजय प्लेस में पुलिस चौकी के निकट स्थित पार्किंग स्थल पर जनक महल बनाया जाना प्रस्तावित है। अगले सप्ताह कार्य शुरू होने की संभावना है। इसके लिए शुरुआत में ही यहां के सभी दुकानदारों ने अपनी सहमति दे दी थी, लेकिन अब दो दुकानदार आनाकानी करने लगे हैं। प्रयास जारी हैं उन्हें भी राजी कर लिया जाएगा।
इस संवाददाता ने आज प्रस्तावित जनक महल स्थल का दौरा कर दोनों दुकानदारों से बात की और उनका पहलू जाना। दोनों दुकानदारों का कहना था कि वे भोजन, नाश्ते जैसे कच्चे सामान का व्यापार करते हैं। महंगा किराया देते हैं, स्टाफ को भी वेतन देना होता है। यहां जनक महल बनने से चालीस-पचास दिन व्यापार प्रभावित होने की आशंका है। उन्होंने आरोप लगाया कि पूरे पार्किंग स्थल को कवर नहीं किया जा रहा है। कुछ प्रभावशाली लोगों की दुकानें जनकमहल की हद से बाहर रखी जा रही हैं।
ये दुकानदार अपनी बात कह रहे थे, तभी विनय बंसल, बीएस बघेल और आरएस सेंगर भी वहां आ गए और उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी भी प्रभावशाली की दुकान को रियायत नहीं दी जाएगी। पूरे पार्किंग स्थल को महल के लिए कवर किया जाएगा। साथ ही उन्होंने कहा कि रेस्तरां चलाने वाले दुकानदारों को जनकपुरी समिति संजय प्लेस में ही अस्थाई वैकल्पिक स्थान देने को तैयार है। जबकि अन्य दुकानदार तो वैकल्पिक स्थान भी नहीं मांग रहे हैं और "राम-काज" में अपने व्यापार में मंदी सहने को तैयार हैं। उन्होंने यह भी कहा कि चालीस-पचास दिन व्यापार प्रभावित होने की बात सही नहीं है। जनक महल का निर्माण होने पर भी इतना रिक्त स्थान तो बना ही रहेगा कि उसके पीछे आवागमन होता रहे।
यह स्पष्टीकरण सामने आते ही दोनों दुकानदार कहने लगे कि जनकपुरी समिति कब बन गई, कौन लोग शामिल हुए और क्या निर्णय लिए जा रहे हैं, यह भी उन्हें नहीं बताया जा रहा है।
पता चला है कि आनाकानी कर रहे दुकानदार मंडल आयुक्त ऋतु माहेश्वरी को ज्ञापन दे आए हैं। इधर जनकपुरी महोत्सव समिति भी यह पता लगते ही पेशबंदी में जुट गई है।
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