चैंबर की बदलती कार्यप्रणाली, कितनी उद्देश्यपरक?

आगरा, 01 अगस्त। उद्यमियों, व्यापारियों की बड़ी संस्था नेशनल चैंबर ऑफ इंडस्ट्रीज एंड कॉमर्स में इन दिनों मतभिन्नता दिखने लगी है। कुछ सदस्य निरंतर हो रहे कार्यक्रमों/बैठकों को लेकर खुश नजर आ रहे हैं तो थिंक टैंक माने जाने वाला कुछ वरिष्ठ सदस्य इसे लेकर बहुत प्रसन्न नहीं है। 
यह तो सभी मानते हैं कि वर्तमान अध्यक्ष के कार्यकाल में चैंबर की सक्रियता बढ़ी है। अध्यक्ष भी अपने कार्यकाल के सौ दिन पूरे होने पर लगभग सौ बैठकें कर लेने का दावा कर चुके हैं। इसके अलावा शहर की सामाजिक, औद्यौगिक व व्यापारिक गतिविधियों में चैंबर की भागीदारी बढ़ी है। चैंबर ने अपने रूटीन कार्यों के अलावा सामाजिक कार्यों में भी सक्रियता दिखाई है। लगभग रोज ही कोई न कोई बैठक या कार्यक्रम या फिर सामाजिक गतिविधियां कराई जा रही हैं।
दूसरी ओर चैंबर के कुछ वरिष्ठ सदस्यों को लगता है  कि रोजाना कार्यक्रम या बैठकें रखे जाने से सदस्यों की रुचि तेजी से घटने लगी है। इसीकारण पिछले दिनों कुछ बैठकों और कार्यक्रमों में कम लोगों की उपस्थिति रही। सिनर्जी प्लस अस्पताल में चैंबर द्वारा लगाए गए स्वास्थ्य शिविर में मात्र छह लोगों ने रक्त की जांच कराई, जबकि अस्पताल प्रबंधन ने चैंबर को बड़ी संस्था मानते हुए उसी के अनुरूप आवभगत और चिकित्सकीय जांच के इंतजाम किए थे। इससे पहले ग्रीन गैस के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ हुई बैठक में भी सदस्यों की संख्या नगण्य रही थी। मेयर के साथ हुई बैठक को छोड़ दिया जाये तो कुछ अन्य बैठकों का भी यही हाल रहा। पांच सितारा होटलों में पिछले दिनों हुई बैठकों/सम्मेलनों में भी चैंबर सदस्यों की संख्या अपेक्षानुरूप नहीं रही। इस बारे में पूछने पर व्यापारियों ने कहा कि व्यापार छोड़ कर रोज बैठकों में शामिल हो पाना संभव नहीं है।
पिछले दिनों आगरा क्लब में हुई चैंबर कोर कमेटी की बैठक में भी संस्था की वर्तमान कार्यप्रणाली को लेकर चर्चा हो चुकी है। कुछ प्रबुद्ध सदस्यों का मानना है कि बैठकों की संख्या बढ़ाने के साथ ही उनमें मनन किए जाने वाले बिंदुओं पर आगे कार्यवाही भी सुनिश्चित होनी चाहिए। बैठकों में बुलाए जा रहे जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों से बैठक रजिस्टर पर हस्ताक्षर लिए जाने चाहिए कि वे क्या वायदे करके जा रहे हैं।
उनका मानना है कि उद्योग-व्यापार हित के दस-बारह साल पहले से उठाए जा रहे मुद्दे आज भी ज्वलंत बने हुए हैं। उन पर काम होना चाहिए। खरंजे या कूड़ाघर के कार्य नगर निगम और जनप्रतिनिधियों के जिम्मे छोड़ दिए जाने चाहिए।
चैंबर की बदली कार्यशैली के पीछे कुछ सदस्यों को तो राजनीतिक महत्वाकांक्षा भी नजर आने लगी है। मेयर के साथ हुई बैठक में होटल व्यवसाय से जुड़े एक सदस्य ने तो चैंबर अध्यक्ष पर सत्ताधारी पार्टी के प्रति झुकाव का आरोप भी लगा दिया था। इसे लेकर कुछ सदस्यों ने कानाफूसी शुरू कर दी।
चैंबर में इन दिनों कुछ सदस्यों की सक्रियता अधिक बनी हुई है। इनमें से कुछ ने तो अगले तीन-चार साल के लिए पदाधिकारी भी तय कर दिए हैं और उनका मौखिक प्रचार शुरू कर दिया है। प्रबुद्ध सदस्यों को आशंका है कि ऐसे माहौल में चैंबर अपने मूल कर्तव्यों से दूर न हो जाए।
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खाटू श्याम को चढ़ाई पोशाक, फूल बंगला
आगरा। नेशनल चैम्बर के अमृत महोत्सव की श्रृंखला में मंगलवार को खाटू श्याम बाबा की पोशाक, फूल बंगला व प्रसादी का आयोजन हुआ। भजन संध्या एवं मयूर नृत्य के साथ फूलों की होली खेली गई। इस अवसर पर विधायक पुरुषोत्तम खंडेलवाल, अध्यक्ष राजेश गोयल समेत अनेक पदाधिकारी उपस्थित थे।
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