खबरें आगरा की -2.......

एलिवेटेड और भूमिगत मेट्रो पर एक सप्ताह में मांगी रिपोर्ट
आगरा, 02 अगस्त। मंडलायुक्त ऋतु माहेश्वरी ने बुधवार को समीक्षा बैठक में मेट्रो प्रोजेक्ट के निर्माण कार्यों की भी समीक्षा की। उन्होंने एमजी रोड पर प्रस्तावित एलिवेटेड मेट्रो की जगह अंडरग्राउंड मेट्रो की संभावनाओं पर भी विचार किया। मंडलायुक्त ने एलिवेटेड मेट्रो लाइन पर प्राप्त आपत्तियों के निस्तारण तथा अंडर ग्राउंड मेट्रो की संभावनाओं पर एक सप्ताह में रिपोर्ट देने के निर्देश दिए।
बैठक में मेट्रो के छह किमी के प्रायोरिटी सेक्टर पर भूमि उपलब्धता तथा कास्टिंग यार्ड स्थापना संबंधी आ रही विभिन्न समस्याओं को मेट्रो परियोजना निदेशक के द्वारा रखा गया तथा बताया गया कि आरबीएस कॉलेज की भूमि जो मेट्रो द्वारा अधिगृहीत की जानी है पर सिविल वाद चल रहा है। इस पर एडीएम (प्रशासन) ने बताया कि सिविल वाद का निस्तारण हो गया है तथा उक्त भूमि की दर निर्धारण भी की जा चुकी है। 
बैठक में बताया गया कि सात स्टेशनों में एक पूरा है तीन पर कार्य चल रहा है तथा तीन की टेंडर प्रक्रिया प्रगति पर है। बैठक में मेट्रो प्रोजेक्ट निदेशक ने निर्माण कार्यों हेतु कास्टिंग यार्ड हेतु भूमि की समस्या को रखा, मंडलायुक्त द्वारा एडीए तथा नगर निगम को कास्टिंग यार्ड हेतु भूमि उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। 
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सिविल टर्मिनल के लिए 23 को लगेगी बोली
आगरा। एयरपोर्ट अथॉरिटी आफ इंडिया ने आगरा हवाई अड्डे पर नए एकीकृत सिविल टर्मिनल के विकास के लिए वास्तुकला और इंजीनियरिंग परामर्श सेवाओं के लिए बोलियां आमंत्रित की हैं। बोली खुलने की तारीख 23 अगस्त है। 
नया सिविल टर्मिनल 30 हजार स्क्वॉयर मीटर में प्रस्तावित है। इस नये सिविल टर्मिनल की क्षमता 700 यात्रियों तक की होगी। नए सिविल टर्मिनल में दस हवाई जहाज के पार्किंग की जगह होगी। इसके साथ ही कारों के लिए मल्टीलेवल पार्किंग बनेगी। यह इकोफ्रेंडली सिविल टर्मिनल होगा।
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ताजमहल के आसपास अतिक्रमणों की भरमार
आगरा। ताजमहल के आसपास अवैध निर्माण व अतिक्रमणों की भरमार है। नोटिस, एफआईआर, ध्वस्तीकरण के आदेश सब बेकार साबित हुए हैं। सुप्रीम रोक के बावजूद स्मारक की 500 मीटर की प्रतिबंधित परिधि में दस साल में 500 से अधिक अवैध निर्माण हो गए। ये वह निर्माण हैं जिनके संबंध में एएसआई ने एफआईआर कराई हैं। हालांकि अवैध निर्माण इससे अधिक बताए जाते हैं।
ताजमहल के संरक्षण के लिए जिम्मेदार भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के पास अवैध निर्माण के विरुद्ध प्रवर्तन कार्रवाई के लिए व्यवस्थाएं नहीं हैं। इसका फायदा अवैध निर्माण करने वालों को मिलता है। एएसआई के अधिकारियों पर भी सवाल उठते हैं। अवैध निर्माण के खिलाफ दिए नोटिस की एक प्रति जिलाधिकारी कार्यालय भेज कर्तव्य की इतिश्री हो रही है।
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