मंदिर पर कब्जे को लेकर हंगामा, विधायक धरने पर बैठे

आगरा, 01 जून। थाना शाहगंज क्षेत्र में आज गुरुवार को 45 वर्ष पुराना मंदिर कब्जाने पर हंगामा हो गया। कब्जा करने आए लोगों ने मंदिर का बाहर से ताला लगा दिया। अंदर पूजा कर रहीं महिलाएं और बच्चे करीब चार घंटे तक कैद रहे। ताला खुलवाने के लिए भाजपा विधायक डॉ. जीएस धर्मेश धरने पर बैठ गए। हंगामा बढ़ता देखकर पुलिस ने ताला खुलवा दिया।
शाहगंज के नरीपुरा स्थित मंदिर पर महिलाएं और बच्चे समेत कुछ लोग अंदर पूजा-पाठ कर रहे थे। तभी पुलिस के साथ पहुंचे भू-माफिया ने मंदिर का बाहर से ताला लगा दिया। मंदिर में कई देवी-देवताओं की मूर्तियां हैं। कुशवाह समाज समेत आसपास के सभी लोग यहां पूजा करते हैं। लोगों ने मंदिर पर ताला लगाने पर हंगामा शुरू कर दिया। सूचना पर विधायक डॉ. जीएस धर्मेश मौके पर पहुंच गए और ताला खुलवाने के लिए धरने पर बैठ गए। उन्होंने पुलिस कमिश्नर डॉ. प्रीतिंदर सिंह को पूरे प्रकरण से अवगत कराया। करीब दो घंटे के हंगामे के बाद पुलिस ने मौके पर पहुंचकर ताला खुलवाया।
विधायक डॉ. जीएस धर्मेश ने बताया कि भू-माफिया मंदिर समेत उसकी बेशकीमती जमीन पर कब्जा करना चाहते हैं। समाज की महिलाएं और बच्चे यहां पूजा कर रहे थे तभी भू-माफिया कुछ पुलिसकर्मियों के साथ आया था। बाहर से मंदिर पर ताला लगा दिया। विधायक ने बताया कि मंदिर पर ताला लगाने का आसपास के लोगों ने विरोध किया तो पुलिस ने पांच लोग पकड़ लिए और बाकी लोगों लाठीचार्ज कर भगा दिया। लोगों ने इसका वीडियो बनाने की कोशिश की तो उनसे मोबाइल फोन छीन लिए।
जब वह यहां आए तो मंदिर का बाहर से ताला लगा था और आसपास के लोगों की भीड़ जमा थी । पुलिस कमिश्नर से जब उन्होंने बात की तो करीब दो घंटे बाद मंदिर का ताला खोला गया। उन लोगों को भी रिहा कराया गया जो पुलिस ने पकड़े थे। सभी के मोबाइल फोन वापस कराए गए। घटना के लिए विधायक ने शाहगंज पुलिस को दोषी बताया। उनका आरोप है कि पुलिस की मिलीभगत से भू-माफिया इस पर कब्जा करना चाहते हैं।
यह मंदिर नरीपुरा में यह कुशवाहों का मंदिर नाम से मशहूर है। बताया जाता है कि करीब 45 वर्ष समाजसेवी कढेरू कुशवाह ने मंदिर के लिए यह जमीन खरीदकर दान कर दी थी। वह कुशवाह समाज के प्रतिष्ठित व्यक्ति थे। विधायक डॉ. धर्मेश ने बताया कि वर्ष 1983 में इस जमीन को दान करते हुए उन्होंने खुद और अपने बेटे के नाम से लिखित में दिया था कि हमने यह जमीन खरीदर समाज के लिए मंदिर के नाम से दान की है। मेरे परिवार समेत समाज के लोग यहां पूजा-पाठ करेंगे। मैं या मेरे परिवार का कोई सदस्य इसे बेच नहीं सकेगा। यदि कोई परिवार का सदस्य इसे बेचता है तो उस बैनामे को अवैध माना जाए। नगर निगम में इसका असिसमेंट भी है। क्षेत्रीय लोगों की शिकायत है कि परिवार के किसी सदस्य को बहला-फुसलाकर भू-माफिया ने इसका बैनामा करा लिया है।
थाना शाहगंज प्रभारी जितेंद्र कुमार ने बताया कि जिस व्यक्ति ने इसका बैनामा कराया है, वह एसीएम चतुर्थ के आदेश की कॉपी लेकर आया था। आदेश में लिखा था कि कोई कब्जा बेदखली न करे। इसलिए पुलिस उसके साथ गई थी। पुलिस ने किसी व्यक्ति के साथ कोई दुर्व्यवहार नहीं किया है। कब्जा लेने पहुंचे धर्मेंद्र सागर ने पुलिस को बताया था कि स्थानीय व्यक्ति ब्लैकमेल करने के लिए जमीन में विवाद फैला रहा है। झगड़ा न हो इसलिए पुलिस उसके साथ गई थी।
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