नगर निगम: तीन से पांच बजे के बीच केवल पौने पांच प्रतिशत वोट पड़े

- वोटों का प्रतिशत तय कर देगा बाजी किसके हाथ
- नगर निगम चुनाव में शाम पांच बजे तक 34.45 प्रतिशत मतदान, जिले में 50.19 प्रतिशत वोटिंग
आगरा, 04 मई। पिछले 34 साल से आगरा नगर निगम में भाजपा का कब्जा चला आ रहा है। ऐसे में जहां भाजपा के लिए अपना किला बचाये रखने की चुनौती है वहीं दूसरे दलों के लिए भाजपा का गढ़ जीत लेने की जद्दोजहद है। ऊंट किस करवट बैठेगा यह आज हो रहे मतदान से लगभग स्पष्ट हो जाएगा। 
निकाय चुनावों के लिए चल रहे मतदान में अभी तक वोटरों का कम रुझान भाजपा के लिए खतरे की घंटी बना हुआ है। सुबह सात बजे शुरू हुई मतदान प्रक्रिया में शाम पांच बजे तक जिले भर में 50.19 प्रतिशत वोट पड़े। इनमें नगर निगम के लिए 34.45 प्रतिशत, नगर पालिकाओं के लिए 57.48 और नगर पंचायतों के लिए 58.65 प्रतिशत वोट पड़े। नगर निगम के लिए दोपहर तीन बजे तक 29.71 प्रतिशत वोट पड़े थे। इस तरह अगले दो घण्टे में केवल 4.74 प्रतिशत ही इजाफा हुआ।
मेयर पद के लिए कांग्रेस से लता कुमारी और सपा से जूही प्रकाश भाग्य आजमा रही हैं। भाजपा ने पूर्व विधायक हेमलता दिवाकर कुशवाह के जरिये दिवाकर औr कुशवाह वोट को साधने का काम किया। इसके अलावा दलित वोट पर भी भाजपा की निगाह थी।  पिछले 20 सालों से बसपा भाजपा का किला भेदने को छटपटा रही है। इस बार बसपा ने लता वाल्मीकि की जरिये जीत का ताना बाना बुना। अब देखना यह कि मतदाता किसके हाथ में शहर के विकास की चाबी सौंपते हैं।
दिन भर मतदान के बीच फर्जी वोटिंग की भी शिकायतें आती रहीं। वार्ड 58 में एक बुजुर्ग महिला ने बताया कि वो जब वोट डालने पहुंची तो बताया गया कि उनका वोट कोई डाल गया है। महिला का कहना था कि वो दोपहर को एक बजे गई थीं लेकिन उन्हें मना कर दिया गया। वहीं, वार्ड 71 और वार्ड 23 में भी कई वोटरों को वापस कर दिया गया। उन्होंने इसकी शिकायत भी दर्ज कराई।
वार्ड 88 केके नगर के मिशन स्टुअर्ट स्कूल में फर्जी पहचान पत्र के साथ वोट डालने पहुंचे युवक को पुलिस ने पकड़ लिया।
फर्जी वोटिंग की शिकायतों पर केंद्रीय राज्यमंत्री और आगरा के सांसद प्रो. एसपी सिंह बघेल ने आज पत्रकारों के समक्ष कहा कि जब हिंदू महिलाएं अपने ससुर या जेठ के साथ घूंघट में मतदान करने जाती हैं, लेकिन मतदान केंद्र में वो अपना चेहरा और पहचान पत्र दिखाकर वोट कर सकती हैं तो मुस्लिम महिलाओं को भी आपत्ति नहीं होने चाहिए। मुस्लिम महिलाएं जब पहचान पत्र के लिए फोटो खिंचवाती हैं तो उसमें चेहरा दिखता है तो यहां पर कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए। इस सरकार में बूथ कैप्चरिंग करने की किसी की हिम्मत नहीं है, लेकिन बुर्के की आड़ में फर्जी वोटिंग हो सकती है। ऐसा करना चीटिंग की श्रेणी में आता है। बुर्के की आड़ में  महिलाएं बदल-बदल कर आ सकती हैं।
केंद्रीय मंत्री का कहना है कि चुनाव में मतदान कमियों को हर किसी के अंगुली पर स्याही लगानी चाहिए। जो स्याही न लगवाए या स्याही लगवाते ही हटा दे उसके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।
बताते हैं कि नगर निकाय चुनाव से पहले भाजपा की ओर से चुनाव आयोग को एक पत्र दिया गया था। इसमें से लिखा गया कि चुनाव में पर्दानशीं महिलाओं की बिना पहचान मतदान न कराया जाए, जिससे फर्जी मतदान रोका जा सके। 
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