चैंबर में शुरू होंगे सेवा प्रकल्प
गोयल की योजना चैंबर में सेवा प्रकल्प भी शुरू करने की भी है। चिकित्सा क्षेत्र में एंबुलेंस दान करना, पेयजल के आरओ प्लांट लगाना, गरीबों के लिए रोजाना भोजन व्यवस्था, पर्यावरण संरक्षण के लिए सघन वृक्षारोपण जैसी योजनाओं पर कदम बढ़ाए जा रहे हैं।
चैंबर सदस्यों को वरीयता पर मिलेंगी चिकित्सा सुविधाएं
चैंबर ने अपने सदस्यों को शहर में बेहतर चिकित्सा सुविधाएं दिलाने के लिए सिनर्जी प्लस हॉस्पिटल से अनुबंध कर लिया है। इसके अंतर्गत हॉस्पिटल बीमार चैम्बर सदस्यों को वरीयता के आधार पर चिकित्सा उपलब्ध कराएगा। उनको विशेष उपचार दिया जायेगा। चिकित्सा शुल्क भी बेहद कम रहेगा। चैंबर और डाक्टरों की संयुक्त टीम ऐसे मामलों की सतत निगरानी करती रहेगी।
चैंबर की गतिविधियों के अनुरूप भी गोयल ने एमएसएमई, फूड प्रोसेसिंग, टैक्सटाइल्स व अन्य उद्योगों के हित में भी निरंतर कार्य का मन बनाया है। सितंबर में यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो प्रस्तावित है। एमएसएमई अधिकारियों के साथ कई दौर की बैठकें प्रस्तावित हैं। 22 मई को शहर में एक फूड प्रोसेसिंग यूनिट शुरू होने जा रही है। अगले माह इंडस्ट्री टूरिज्म कॉन्क्लेव प्रस्तावित है। व्यापारियों के बिजली और नगर निगम संबंधी मुद्दों पर भी काम शुरू कर दिया गया है। आयरन फाउंड्री से व्यापार बदल रहे लोगों के लिए गाइडेंस की व्यवस्था करने की भी योजना है। इसके लिए इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ फाउंड्री से वार्ता चल रही है।
प्रतिदिन दो प्रकोष्ठों की बैठकें
चैंबर में सक्रियता बढ़ाने के लिए गोयल ने प्रतिदिन दो प्रकोष्ठों की बैठकें करनी शुरू कर दी हैं। इनमें चैंबर सदस्यों के साथ ही विषय विशेषज्ञों को भी शामिल किया जा रहा है। कार्यकारिणी की बैठक हर माह होगी, जिसमें पंद्रह मिनट का तकनीकी सत्र भी रखा जायेगा। चैंबर के पूर्व अध्यक्ष भी इस सक्रियता से खुश हैं, लेकिन उनका यह भी कहना है कि इन बैठकों के कुछ ठोस प्रतिफल सामने आने चाहिए, तभी सार्थकता दिखेगी।
ये हैं एक माह में लिए कार्य
एक माह के भीतर ही चैंबर ने जिले में नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी की स्थापना, शहर में पर्याप्त जल प्रबंधन, व्यापारियों की पुलिस संबंधी दिक्कतों, शीतगृह संचालकों के विकास, बैंक अधिकारियों से समन्वय, ऐतिहासिक स्मारकों एवं प्राकृतिक स्थलों पर इंटरप्रिटेशन सेन्टर्स बनाने की मांग को उठाया। इसके साथ ही यूएई में व्यापारिक संभावनाओं, जिला स्तर पर एमएसएमई इकाइयों के विकास की संभावनाओं, पर्यावरण समस्याओं, वसीयत के महत्व, साइबर अपराधियों से बचने के उपायों, आयकर और विद्युत आपूर्ति संबंधी मुद्दों, गैस इकाइयों को गेल से सुविधाओं, श्रम कल्याण, पर्यटन विकास, एमएसएमई इकाइयों को अतिरिक्त ऋण पर ब्याज माफी, नगर निगम से औद्योगिक क्षेत्रों में विकास संबंधी मुद्दों पर विभिन्न अधिकारियों और प्रकोष्ठ पदाधिकारियों के साथ चर्चा की गई।
____________
Post a Comment
0 Comments