भाजपा का राम-कृष्ण से प्रेम, इसलिए मेरा उससे प्रेम-स्वामी रामभद्राचार्य

आगरा, 05 अप्रैल। यहां कोठी मीना बाजार मैदान पर बनाए गए वृहद पंडाल में राम कथा का श्रवण करा रहे तुलसी पीठाधीश्वर जगदगुरु रामभद्राचार्य ने बुधवार को कहा कि उनका भाजपा से प्रेम इसलिए है क्योंकि भाजपा का राम और कृष्ण से प्रेम है। जो राम और कृष्ण से प्रेम करेगा उससे मैं प्रेम करूंगा।
उन्होंने कहा कि अयोध्या में विवादित ढांचा प्रदेश में भाजपा शासन के दौरान गिरा। नौ नवंबर, 2019 को राम मंदिर के पक्ष में कोर्ट का निर्णय आया तो केंद्र और प्रदेश में भाजपा ही थी। कांग्रेस ने तो संतों को जेल भेज दिया था। वे स्वयं भी भी आठ दिन जेल में रहे। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कोर्ट में हलफनामा दिया था कि राम अयोध्या में पैदा नहीं हुए। तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी उनका अनुसरण किया। मनमोहन को ऐसा नहीं करना चाहिए था, वे भूल गए कि गुरु ग्रंथ साहिब में 5600 बार राम का उल्लेख है।
स्वामी रामभद्राचार्य ने कहा कि वेदों को आदि ग्रंथ माना जाता है, उसमें भी राम के अवतार का वर्णन है। आगरा वाले बुलाएंगे तो अगली बार वेद आधारित रामायण सुनाने आऊंगा। उन्होंने कहा, मैंने अयोध्या में राम मंदिर का ताला खुलते देखा, फिर विवादित ढांचा गिरते देखा, अदालत में राम मन्दिर के पक्ष में गवाही दी, कोर्ट का निर्णय भी सुना। फिर राम मंदिर का भूमि पूजन देखा और अब रामलला विराजेंगे वह भी देखेंगे।
राम जन्म का भावपूर्ण वर्णन 
स्वामी रामभद्राचार्य ने बुधवार को श्रीराम के जन्मोत्सव का भावपूर्ण वर्णन किया। उन्होंने कहा कि इस धरती पर जब भी धर्म की हानि होती है और असुरों का आतंक बढ़ जाता है, तब प्रभु अवतार लेते हैं।
जब होई धरम की हानी,
बाढ़हि असुर अधम अभिमानी।।
तब-तब धरि प्रभु विविध शरीरा, 
हरहि दयानिधि सज्जन पीरा।।
उन्होंने नारद मोह की लीला, मनु और शतरूपा की कथा और दशरथ के यहां राम, लक्ष्मण, भरत व शत्रुघ्न के जन्म का वर्णन किया। बधाई गायन और श्रीराम की आरती के साथ कथा को विराम दिया गया।
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