पोइया घाट से एसीएम को बैरंग लौटना पड़ा, सत्संगियों ने चार-पांच नए बोर्ड और गाड़े
आगरा, 28 अप्रैल। दयालबाग के पोइया घाट पर यमुना नदी की तलहटी में लगे राधा स्वामी सत्संग सभा के बोर्ड, होर्डिंग हटाने गए अपर नगर मजिस्ट्रेट को सत्संगियों ने शुक्रवार को रोक दिया। पुलिस प्रशासन को वापस लौटना पड़ा। बुधवार को डीएम के आदेश पर सदर तहसील प्रशासन ने जांच के बाद नदी में लगे बोर्ड अवैध मिलने पर हटवा दिए थे। चौबीस घंटे में बृहस्पतिवार को सत्संगियों ने दोबारा चार-पांच नए बोर्ड और गाड़ दिए। झोपड़ी की जगह रेल के डिब्बेनुमा बंकर रख दिए हैं।
जिला प्रशासन को चुनौती मिलने के बाद शुक्रवार को डीएम नवनीत सिंह चहल ने कारवाई के लिए एसीएम प्रथम संजीव कुमार को दयालबाग भेजा था। न्यू आगरा पुलिस थाने से चुनाव के कारण पर्याप्त फोर्स नहीं मिला। मजिस्ट्रेट के पहुंचने से पहले ही पोइया घाट पर बड़ी संख्या में सत्संगी इकट्ठा हो गए। मजिस्ट्रेट ने पहुंच कर बोर्ड हटाने के लिए कहा। कई बार कहने पर भी सत्संगी नहीं माने। प्रशासन को दोबारा बोर्ड नहीं हटाने दिए। टीम वापस लौट आई। नदी पर सत्संगियों का एक महीने से दिन-रात जमावड़ा है।
दोबारा बैकुंठ धाम के बोर्ड लगने के बाद से हर वक्त नदी पर सौ से डेढ़ सौ की संख्या में सत्संगयों की लाठी-डंडों से लैस होकर आवाजाही रहती है। बीस -पच्चीस गाड़ियां हर समय घाट पर खड़ी रहती हैं। अपर नगर मजिस्ट्रेट संजीव कुमार ने बताया कि सत्संग सभा द्वारा यमुना में सफाई और शोध करने की बात कही जा रही है, लेकिन उनके द्वारा कोई अनुमति नहीं ली गई। न ही मौके पर सफाई और शोध जैसा काम होते मिला। उनसे बोर्ड और निर्माण हटाने को कहा, लेकिन उन्होंने बात नहीं मानी। इस संबंध में अब डीएम को अवगत करा दिया है। सत्संग सभा ने अपना पक्ष रखने के लिए जिलाधिकारी से मुलाकात की बात कही है। टीम के लौटने के बाद अपराहन तीन बजे तक जिलाधिकारी से सत्संगी मिलने नहीं आए थे।
उधर राधास्वामी सत्संग सभा के मीडिया प्रभारी एसके नैयर का कहना है कि बोर्ड पर सभा की ओर से अपना स्वामित्व नहीं लिखा गया है। डूब क्षेत्र है। कब्जा नहीं किया है। हम यमुना की सफाई कर रहे हैं। इसके लिए किसी की अनुमति की जरूरत नहीं है। बोर्ड इसलिए लगाया है कि पता चल सके कि ये काम कौन कर रहा है। प्रशासन खनन नहीं रोका पाया। अब गलत काम करने वाले लोगों को साथ लेकर हमारा काम रोक रहे हैं। प्रशासन हमें लीगल नोटिस दे, हम उसका जवाब देंगे।
एक तरफ शहर में नगर निकाय चुनाव चल रहे हैं। आदर्श आचार संहिता लागू है। दूसरी तरफ राधा स्वामी सत्संग सभा ने जिला प्रशासन के लिए चुनौती पेश कर दी है। प्रशासन, कानून और पुलिस व्यवस्था भी यमुना घाट पर मखौल उड़ रहा है। राधा स्वामी सत्संग सभा की यमुना नदी के डूब क्षेत्र में गतिविधियों को लेकर आस पास बसे गांव खासपुर, जगनपुर सिकंदरपुर, मनोहरपुर और दयालबाग के ग्रामीणों में तरह-तरह की चर्चाएं हैं। ग्रामीणों का कहना है कि सत्संग सभा द्वारा एक महीने से अवैध रूप से नदी पर कब्जा कर लिया गया है। 15 दिन से पहले बैकुंठ धाम के बोर्ड लगा दिए हैं। सैकड़ों लोग लाठी डंडे लेकर हर समय नदी डूब क्षेत्र में पहरा देते हैं। ग्रामीणों की आवाजाही बंद कर दी गई है। सरकारी भूमि व चक मार्गों में तार फेंसिंग से बेरीकेडिंग कर दी गई है। आसपास की जमीनों पर फसलें बो रहे हैं। कई जगह स्वामित्व के बोर्ड भी लगा दिए हैं। पुलिस प्रशासन सत्सगियों के सामने फेल है। सिर्फ गरीब और शरीफों पर पुलिस प्रशासन का जोर चलता है। लगता है सत्संग सभा कानून से भी नहीं डरती।
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