समान नागरिक संहिता लागू हो, सभी को अधिकतम तीन बच्चे पैदा करने की ही छूट हो-रामभद्राचार्य

आगरा, 06 अप्रैल। कोठी मीना बाजार मैदान पर बनाए गए वृहद पंडाल में राम कथा कह रहे जगदगुरू स्वामी रामभद्राचार्य ने गुरुवार को कहा कि देश में समान नागरिक संहिता लागू होनी चाहिए, सभी के लिए अधिकतम तीन बच्चे पैदा करने की ही छूट होनी चाहिए। 
उन्होंने कहा कि हम रामजन्म भूमि ले चुके हैं, श्रीकृष्ण जन्म भूमि और काशी की भूमि भी लेंगे। उन्होंने कहा कि देश में रहने वालों को जयश्रीराम और वन्दे मातरम कहना होगा। हमारा देश विश्व की पांचवीं अर्थव्यवस्था बन चुका है। अब भारत दूसरे देशों पर नहीं बल्कि दूसरे देशों को भारत पर निर्भर होना पड़ेगा।
राम जन्म भूमि के लिए अदालत में गवाही दे चुके स्वामी रामभद्राचार्य ने कहा कि यदि आवश्यकता पड़ी तो श्रीकृष्ण जन्मभूमि के लिए भी मैं गवाही दूंगा।
उन्होंने हिंदुओं से आह्वान किया कि बच्चों को वैदिक भारतीय संस्कृति से जोड़कर संस्कारवान बनाएं। महिलाएं धर्म का पालन करें। माता सीता को आदर्श मानें, लेकिन परिस्थिति के हिसाब से बदलना भी जरूरी है। महिलाएं जरूरत पड़ने पर चूड़ी की जगह कटार थामें।
बेटियां लव जिहाद से दूर रहें, वह सरल निशाना हैं।
तलाक के बढ़ते मामले असहिष्णुता के कारण हैं। पति-पत्नी दोनों को एक-दूसरे के प्रति सहिष्णु हों, एक-दूसरे के सम्मान की रक्षा करें। 
धीरेंद्र शास्त्री पढ़ते-लिखते नहीं, धीरे-धीरे सदबुद्धि आएगी
तुलसी पीठाधीश्वर ने कहा कि अधिकांश साधु-संत जनजागरण का धर्म भूलकर गृहस्थ की तरह भौतिकता में डूबे हैं और सब कुछ कर रहे हैं, लेकिन वह नहीं कर रहे, जो संत को करना चाहिए। उन्होंने भारतीय शास्त्र और वेद पढ़ना छोड़ दिया है। वह पढ़ेंगे तो भारतीय संस्कृति का बोध होगा। तुलसीदासजी ने कहा है कि संत वही है, जिसे भारतीय संस्कृति का अत्यधिक बोध और वेद और पुराणों का ज्ञान हो, लेकिन आज संत चमत्कार के पीछे पड़कर धर्म को बर्बाद व बदनाम कर रहे हैं। बागेश्वर धाम प्रमुख धीरेंद्र शास्त्री के लिए कहा कि वह अच्छे बालक हैं, लेकिन पढ़ते-लिखते नहीं। धीरे-धीरे उन्हें सदबुद्धि आएगी।
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