इंजीनियर बन गया ठग, फर्जी लेफ्टिनेंट कमांडर बन 35 युवाओं से कमाए तीन करोड़

आगरा, 03 मार्च। इंजीनियरिंग पास युवक एक सेवानिवृत्त अधिकारी से मिला था। उनका चालक बन गया। वह सैन्य अधिकारियों से बात करते थे। फाइटर प्लेन से लेकर नवल बेस की जानकारी ले ली। बात करने का तरीका सीख लिया और युवाओं को नौकरी लगवाने के नाम पर ठगना शुरू कर दिया। उसने पिछले चार साल में पांच राज्यों के 35 युवाओं को ठगी का शिकार बनाया। उसने तीन करोड़ से अधिक की कमाई की। इतना ही नहीं उसने अपनी प्रेमिका के भाई को भी ठग लिया। आगरा एसटीएफ ने बुधवार को इस फर्जी लेफ्टिनेंट कमांडर अतुल माथुर को नोएडा से गिरफ्तार कर लिया।
एसटीएफ को आर्मी इंटेलीजेंस से इनपुट मिला था कि एक व्यक्ति  नौसेना का फर्जी लेफ्टिनेंट कमांडर बन कर युवाओं को ठगी का शिकार बनाता है। इनपुट पर एसटीएफ ने काम करना शुरू किया। इसके बाद एसटीएफ ने बुधवार को नोएडा से कासगंज के नगला अस्थर सहावर गेट निवासी अतुल माथुर को गिरफ्तार किया। वह नोएडा के आम्रपाली जोडियाक अपार्टमेंट के फ्लैट में रहता था।
एसटीएफ आगरा यूनिट के निरीक्षक यतींद्र शर्मा ने बताया कि आरोपी से पूछताछ में कई जानकारियां मिली। उसकी ठगी का शिकार 35 लोगों की शिकायत मिल चुकी है। यह आगरा, मथुरा, कासगंज, अलीगढ़, फर्रुखाबाद के हैं। आरोपी ने चार साल  तकरीबन तीन करोड़ कमाए हैं। इससे गाड़ी और मकान तक खरीद लिए। अपने शौक पूरे करता था। उसकी ठगी का शिकार सैन्य कर्मी और पुलिस कर्मियों के रिश्तेदार भी बने हैं। रक्षा मंत्रालय के बाबू अजय से उसकी साठगांठ है। वह फर्जी पास और पत्र जारी करता था। तीन की नौकरी लगवा दी थी। बाबू आरोपी से 35 लाख तक ले चुका है।
पूछताछ में पता चला कि अतुल माथुर एक युवती के साथ लिव इन रिलेशन में रह रहा था। उसके साथ पढ़ता भी था। उसने युवती के भाई को भी झांसा दिया था। पुलिस के पकड़ने पर युवती ने गुस्सा जाहिर किया। इसके बाद युवती के भाई ने शिकायत की। युवती फर्रुखाबाद की रहने वाली है। आरोपी से रक्षा मंत्रालय का पत्र, आईडी कार्ड, डेबिट कार्ड सहित अन्य सामान बरामद हुआ है। इन पर लेफ्टिनेंट अतुल लिखा है।
सोशल मीडिया पर अपलोड की फर्जी फोटो
उसके पास से कैंट दिल्ली के दशमेश आर्मी स्टोर का बैग मिला है। आशंका है कि दुकानदार बिना आईडी कार्ड देखे ही उसकी वर्दी तैयार करते थे। एसटीएफ ने आरोपी के पास से सवा लाख तक के दो मोबाइल फोन बरामद किए। इसकी जांच में पता चला कि आरोपी ने सोशल मीडिया एकाउंट पर अपनी फोटो अपलोड की थी। यह फोटो फर्जी तरीके से तैयार की गई थी। इसमें वो खुद को फाइटर प्लेन के पास खड़ा दिखाता था तो कभी अधिकारी के साथ फोटो बना लेता था। 
पाक खुफिया एजेंसी के लिंक भी
इन फोटो के आधार पर ही उसके पास पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी के कुछ लिंक आए थे। यह लिंक मोबाइल हैक करने के लिए होते हैं। अब आशंका है कि उसे नौसेना अधिकारी समझकर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ने लिंक भेजकर मोबाइल हैक किया होगा। एसटीएफ दोनों मोबाइल फोनों को जांच के लिए फोरेंसिक लैब भेजेगी।
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