विश्व में कैंसर से हर छह सेकेंड में एक मौत

आगरा में हर साल बढ़ रहे कैंसर के 100 रोगी
आगरा, 04 फरवरी। आज विश्व कैंसर दिवस है। इस वर्ष कैंसर दिवस की थीम 'क्लोज द केयर गैप' रखी गई है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. अरुण श्रीवास्तव का कहना है कि कैंसर की सबसे बड़ी वजह तंबाकू है। राष्ट्रीय पारिवारिक स्वास्थ्य सर्वे-5 के अनुसार आगरा में 30 से 49 वर्ष की 0.3 प्रतिशत महिलाओं ने सर्वाइकल कैंसर की जांच, 0.3 प्रतिशत महिलाओं ने स्तन कैंसर की जांच और 0.4 प्रतिशत महिलाओं ने मुंह के कैंसर की जांच कराई है। सर्वे-5 के अनुसार आगरा में 15 वर्ष से अधिक उम्र की 8.9 प्रतिशत महिलाएं तंबाकू उत्पादों का सेवन करती हैं। 46.1 प्रतिशत पुरुष तंबाकू उत्पाद का उपयोग करते हैं।
एसएन मेडिकल कॉलेज की कैंसर रोग विभाग से प्रोफेसर डॉ.सुर‌भ‌ि गुप्ता बताती हैं कि तम्बाकू में मौजूद केमिकल दिल की धड़कन और ब्लड प्रेशर बढ़ा देते हैं। आंकड़ों के अनुसार, तंबाकू सेवन से विश्व में हर छह सेकेंड में एक व्यक्ति की मौत हो रही है। फेफड़े, मुंह और गले का 90% कैंसर तंबाकू उत्पादों के सेवन से होता है। तंबाकू सेवन से दिल की बीमारी, लकवा, डायबिटीज, गठिया, फेफड़ा रोग आदि का जोखिम बढ़ जाता है।
गैर संचारी रोगों के नोडल अधिकारी डॉ. पियूष जैन ने बताया कि धूम्रपान और तंबाकू सेवन से दिल की बीमारी होने की संभावना दो से चार गुना बढ़ जाती है। ब्रेन स्ट्रोक का खतरा भी दो से चार गुना बढ़ जाता है। फेफड़ों के कैंसर का खतरा पांच से 10 गुणा तक बढ़ जाता है। यह महिलाओं की प्रजनन क्षमता को भी प्रभावित करता है। गंभीर फेफड़ा रोग (सीओपीडी) का सबसे बड़ा जोखिम कारक है। डॉ. जैन ने बताया कि आगरा में हर साल 100 से अधिक कैंसर के रोगी बढ़ जाते हैं। पुरुषों में गले, फेफड़े, बड़ी आंत का कैंसर अधिक होता है। महिलाओं में स्तन, सर्वाइकल और गले का कैंसर होता है। इसके अलावा खाने की नली, पित्त की थैली में भी कैंसर हो रहा है।
कैंसर से बचाव के उपाय
- खान-पान की आदत में सुधार करना बेहद जरूरी है।
- तंबाकू, बीड़ी आदि का बिल्कुल भी उपयोग नहीं करें।
- रिसाइकिल ऑयल सबसे ज्यादा घातक होता है।
- चोकर वाले आटे का सेवन करें, इसमें अधिक फाइबर होता है।
- खाने में मौसमी फल और सब्ज‌ियों को शामिल करना चाहिए।
- सप्ताह में 5 दिन तक 30 मिनट तक व्यायाम अवश्य करें।
- कैंसर से बचाव के लिए वैक्सीन भी लगवाई जा सकती है।
तंबाकू छोड़ने का असर
- पहले तीन माह में फेफड़े मजबूत और साफ होने लगते हैं। ब्लड फ्लो में भी सुधार होता है।
- एक साल के अंदर दिल की बीमारी का जोखिम 50 प्रतिशत तक कम हो जाता है।
- पांच साल में ब्रेन स्ट्रोक (लकवा) व सर्वाइकल कैंसर होने की संभावना कम हो जाती है।
- तंबाकू छोड़ने के 10 साल बाद लंग कैंसर से होने वाली मौत का आंकड़ा आधा रह जाता है।
- हृदय रोग की संभावना कम हो जाती ही है।
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