फर्जी दरोगा थाने की टेबल पर 92 हजार रु. रखकर बोला, सट्टेबाज को छोड़ दो
आगरा, 14 फरवरी। थाना हरीपर्वत में मंगलवार को वांछित बुकी की सिफारिश में पहुंचा एक फर्जी दरोगा पकड़ा गया। उसने नाम निकालने और एक को छुड़ाने के लिए टेबल पर 92 हजार रुपये रख दिए। फर्जी आईकार्ड दिखाने पर दरोगा को शक हो गया। पूछताछ में उसकी पोल खुल गई।
हरीपर्वत थाना प्रभारी निरीक्षक अरविंद कुमार ने बताया कि सोमवार को पुलिस ने अज्जू लंगड़ा उर्फ अजय गोयल गैंग के तीन सट्टेबाजों को गिरफ्तार किया था। एक आरोपी राजकुमार नशे के पदार्थ के साथ पकड़ा गया था। अज्जू लंगड़ा केस में वांछित है। मंगलवार को एक युवक थाने आया। वह दरोगा निशामक त्यागी से मिला। उसने अपना नाम रफीक चौहान बताया और कहा कि वह भी दरोगा हैं। उन्हें एमएम गेट क्षेत्र के भाजपा पार्षद प्रवीन पटेल ने भेजा है। उसने पुलिस का आईकार्ड दिखाया। मगर, उसमें पीएनओ नंबर नहीं था। उसने कहा आरोपी राजकुमार को छुड़ाना है। अज्जू लंगड़ा का नाम निकलवाना है। आईकार्ड देखने पर दरोगा को शक हो गया। आरोपी ने 92 हजार रुपये टेबल पर रखकर कहा कि ये एडवांस है।
पुलिस आयुक्त डॉ. प्रीतिंदर सिंह ने बताया कि थाने में दरोगा बनकर आए शख्स से पूछताछ की गई। उसका असली नाम उजैर खान है। साबुन कटरा, नाई की मंडी का निवासी है। वह पार्षद प्रवीन पटेल का परिचित है। धोखाधड़ी, कूटरचित दस्तावेज तैयार करने और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया। आईकार्ड फर्जी था। आरोपी सट्टेबाजों के लिए दलाली करता है।
पुलिस ने बताया कि केस में पार्षद प्रवीन पटेल का नाम भी शामिल किया है। पुलिस अब पार्षद के बारे में छानबीन कर रही है। आरोपी ने उनके बारे में कई जानकारी दी हैं। प्रवीन भाजपा से जुड़े हैं। जांच कर पुलिस कार्रवाई करेगी।
गौरतलब है कि पुलिस ने रविवार रात को गुरुद्वारा गुरु का ताल कट से कार में तीन लोगों को पकड़ा था। इनमें नगला पदी निवासी अजीत कुशवाहा, ट्रांस यमुना काॅलोनी निवासी कपिल अग्रवाल और उसके भाई अनूप अग्रवाल को गिरफ्तार किया था। वह कार में सट्टा लगाते थे। वह अज्जू लंगड़ा गैंग के सट्टेबाज थे। केस में अज्जू लंगड़ा का भी नाम खोला गया।
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