बिरयानी की ठेलों पर भी पड़ रहे जीएसटी के छापे

आगरा, 08 दिसम्बर। शहर में राज्य वस्तु एवम सेवा कर (एसजीएसटी) विभाग के अधिकारी छोटे व्यापारों में टैक्स की चोरी खंगालने में जुट गए हैं। इसी के तहत विभागीय टीम ने बुधवार को शहर में बिरयानी की ठेल लगाने वालों की जांच पड़ताल कर चालान किए।
अधिकारियों ने तीन ठेले वालों के गल्ले की रकम और बची बिरयानी देखकर उनकी बिक्री का अंदाजा लगाया और उनका चालान कर दिया। अधिकारियों ने सभी दुकानदारों को जीएसटी नंबर लेकर टैक्स जमा करने का आदेश दिया। अधिकारियों के इस फरमान से दुकानदार परेशान हैं। उनका कहना है कि कमाई बहुत कम है। उन पर अत्याचार किया जा रहा है।
बुधवार सुबह 11 बजे जीएसटी के पांच इंस्पेक्टर टीम के साथ बालूगंज पहुंचे। यहां उन्होंने दुकानों और ठेलों पर बिरयानी बेचने वाले करीब 30-35 दुकानों पर छापा मारा। नाम न छापने की शर्त पर टीम के एक अधिकारी ने बताया कि लखनऊ से कार्रवाई के निर्देश मिले थे। अधिकारियों ने दुकानदारों से सेल के बारे में पूछताछ की। दुकानदार ने कहा कि कमाई बहुत है। बस किसी तरह से खर्चा चल जाता है। इसके बाद अधिकारियों ने बिरयानी के रेट और गल्ले में रखे पैसे के आधार पर बिक्री का अनुमान लगाया। बेचने के लिए रखी बिरयानी को भी तौला। इसके बाद मौके पर चालान के साथ सभी को जीएसटी रजिस्ट्रेशन और पक्का बिल बनाकर बिरयानी बेचने का आदेश दिया।
आमतौर पर एक ठेले वाला सुबह से शाम तक दो भगौने बिरयानी बेच देता है। फुटकर में बिरयानी 200 से 250 रुपये किलो तक बिकती है। एक भगौने में 20 से 25 किलो बिरयानी आती है। इस तरह बिना टैक्स दिए आठ से 10 हजार रुपये की बिक्री दुकानदार कर लेता है। इसमें उसे ढाई से तीन हजार की बचत भी हो जाती है। ऐसे में हर दुकानदार महीने के करीब 75 से 90 हजार रुपये कमाता है।
जिले में सड़क किनारे ठेलों पर मुस्लिम समाज के लोग बिरयानी बेचते हैं। ये लोग बिना लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन के कारोबार कर रहे हैं। इसको लेकर पहले कई भाजपा के जनप्रतिनिधियों ने आपत्ति भी जताई थी।
राज्य का जीएसटी विभाग सोमवार से लगातार कार्रवाई कर रहा है। सोमवार को एमजी रोड स्थित फुटवीयर एसेसरीज बेचने वाली फर्म ताज इंटरनेशनल पर कार्रवाई कर 13 लाख, एक हजार रुपये जमा करवाए गए थे। टेढ़ी बगिया में अनीस मेडिकल और साबिर मेडिकल पर कार्रवाई कर साढ़े तीन लाख रुपये जमा कराए गए। फतेहाबाद कस्बे में शान एमएस स्टील पर कार्रवाई कर एक लाख, दो हजार रुपये का टैक्स जमा करवाया गया।

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