खबरें आगरा की.........

सर्वजातीय सामूहिक विवाह समारोह में आठ जोड़ों की शादी
आगरा। सर्व सहाय सेवा समिति ने रविवार को अग्रवन में सर्व जातीय सामूहिक विवाह समारोह आयोजित किया। इसमें आगरा समेत कासगंज, हाथरस, शमसाबाद और फर्रुखाबाद के आठ जोड़े वरमाला और सात फेरे लेने के दाम्पत्य सूत्र में बंध गए।
जोड़ों को धर्मगुरुओं एवं समाज सेवियों ने आवाशीर्वाद देकर गृहस्थी का जरूरी सामान उपहार स्वरूप भेंट किया। कार्यक्रम में सामूहिक प्रीतिभोज में हजारों लोगों ने भोजन ग्रहण किया। सुबह की बेला में समिति के संरक्षक महेश चंद्र अग्रवाल ने हरी झंडी दिखाकर सामूहिक बारात का शुभारंभ किया। सभी आठ वर अलग-अलग घोड़ियों पर सामूहिक बरात लेकर अग्रवन पहुंचे। वरमाला और सातफेरे की रश्म सम्पन्न होने के बाद नव दम्पत्ति परिणय सूत्र में बंध गए। निर्धन माता-पिता की चिंता दूर करने लिए संस्था ही इस पहल की सभी ने सराहना की। दुर्गा वाहिनी, एनसीसी कैडेट्स और नागरिक सुरक्षा संगठन ने समारोह की व्यवस्थाएं संभालीं।
समिति द्वारा इन आठ जोड़ों सहित अब तक कुल 60 निर्धन बेटियों का घर बसाया जा चुका है। समिति के महामंत्री आशीष अग्रवाल और रमन अग्रवाल ने कार्यक्रम का संचालन किया। समिति के अध्यक्ष दिलीप अग्रवाल एडवोकेट और कोषाध्यक्ष सुनील गर्ग ने अतिथियों का स्वागत किया।
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श्रीराम कथा स्थल का भूमि पूजन किया 
आगरा। मंगलमय परिवार द्वारा आयोजित श्रीराम कथा के परिप्रेक्ष्य में रविवार को कोठी मीना बाजार स्थित कथा स्थल पर भूमि पूजन समारोह का आयोजन किया गया।
श्रीराम कथा का आयोजन 19 दिसंबर से 25 दिसंबर तक किया जा रहा है। संत विजय कौशल जी महाराज कथा श्रवण कराएंगे। पदाधिकारियों ने विधि विधान से भूमि पूजन कर शहर वासियों से कथा श्रवण कर पुण्य लाभ कमाने की अपील की।
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जीएसटी छापे से हो रहा व्यापारियों का उत्पीड़न
आगरा। आगरा शू फैक्टर्स फैडरेशन के अध्यक्ष और आगरा व्यापार मंडल के महामंत्री गागन दास रामानी ने एक बयान में राज्य जीएसटी विभाग की व्यापारियों पर निरंतर छापेमारी का विरोध करते हुए कहा है कि देश व प्रदेश का राजस्व आशा से भी अधिक प्राप्त हो रहा है तो फिर इस प्रकार के छापों से व्यापारियों को भयभीत क्यों किया जा रहा है।
बयान में कहा गया है कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार व्यापारियों की सरकार मानी जाती है, लेकिन जिस तरह से जीएसटी अधिकारियों द्वारा छापे डालने की कार्यवाही की जा रही है, उससे व्यापारी पूरी तरह से भयभीत है और वह खुले मन से व्यापार नहीं कर पा रहा है। आर्थिक मंदी के दौर में व्यापारी जिस संकटकालीन परिस्थितियों से गुजर रहे हैं ,ऐसी स्थिति में छापेमारी उनके लिए एक मुसीबत बन गई है। एक ओर जहां व्यापारियों का उत्पीड़न हो रहा है ,वहीं दूसरी तरफ प्रदेश सरकार की बदनामी हो रही है। इसलिए इसे तत्काल रोका जाना चाहिए। 
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