जूही बब्बर के अभिनय ने दर्शकों को बांधे रखा
आगरा, 10 दिसम्बर। सूरसदन में शुक्रवार की रात जूही बब्बर द्वारा लिखित, निर्देशित सईयारा नाटक के मंचन ने कभी दर्शकों को हंसाया तो कभी रुलाया।
सईयारा एक ऐसी मुस्लिम महिला की कहानी है जो अनपढ़, गरीब और बुर्का पहनने वाली नहीं बल्कि आज की आधुनिक भारतीय महिला है। फिर भी दो बार तलाक का शिकार हो चुकी है। एक सफल व्यवसायी होने के बाद भी पति की फटकार और पिटाई को सहती है। विडम्बना देखिए, जिस रात पति से पिटती है, उसके अगले दिन वूमैन इम्पावरमेंट एंड वूमैन राइट की स्पीकर थी सईयारा।
दर्शकों में बैठी हर महिला ने कहीं न कहीं किसी रूप में खुद की झलक को उसमें पाया। कभी आंखें नम हुईं तो कभी होठों पर खिलखिलाहट बिखर गई। सईयारा ने सिखाया कि जो लिखते हैं उनका कुदरत से खास रिश्ता होता है। इसलिए अपने जिस दर्द और परेशानी को जुबान पर नहीं ला पाई, उसे उसने शब्द दिए और एक किताब लिख डाली। सईयारा ने समझाया कि हर रिश्ते में प्यार, सम्मान और विश्वास जरूरी होता है। इनमें से कोई एक भी पिलर हिला तो रिश्ता भी हिल जाता है।
सईयारा का किरदार निभाने वाली सिने अभिनेत्री व रंगमंच की कलाकार जूही बब्बर ने नाटक के अंत में संदेश दिया कि बात मर्द और औरत की नहीं। कुछ बुरे अनुभव जरूर रहे लेकिन अच्छे मर्द भी रहे सईयारा के जीवन में। बात सोच और नजरिए की है। हर व्यक्ति प्रोग्रेसिव होने की बात करता है, लेकिन वास्तव में महिला पर अत्याचार और अबला नारी ही देखनी है उन्हें। जो सच है उसे कोई देखना भी नहीं चाहता है।
जूही के रोमांचकारी अभिनय ने लगभग डेढ़ घंटे के रंचमंच के अभिनय ने दर्शकों को बांधे रखा। सईयारा की आंखें भीगी तो दर्शकों की आंखें भी नम हो गईं। सईयारा खिलखिलाई तो दर्शक भी तालियों के साथ मुस्कुरा दिए।
नेहा शेख ने सईयारा की हाउस मेड बीना दी, हरजीत यानि सईयारा के मैनेजर का किरदार अचिन्त माखा ने अदा किया। तकनीकी निर्देर्शन रवि मिश्रा, ऑडियो विजुअल लाइट डिजायनर आकाश चौधरी और प्रोडक्शन मैनेजर अनुश्री भगंड थीं।
मुख्य अतिथि केबिनेट मंत्री बेबी रानी मौर्य के अलावा पूनम सचदेवा, डॉ. रंजना बंसल, पूरन डावर, वाईके गुप्ता, चंद्र सचदेवाआदि उपस्थित थे। संचालन श्रुति सिन्हा ने किया।
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