इनसाइड स्टोरी:- भरतपुर हाउस में दीपावली की रात क्यों पहुंची पुलिस?

आगरा, 25 अक्टूबर। शहर की प्रमुख कालोनी भरतपुर हाउस में दीपावली की देर रात जो कुछ हुआ, वह एक दिन की बात नहीं है। इस शिकायत की जमीन लम्बे समय से तैयार हो रही थी। कालोनी निवासी परेशान तो काफी समय से थे, लेकिन लिहाज के कारण खुलकर विरोध नहीं कर पा रहे थे।
एक कालोनीवासी ने नाम न उजागर करने की शर्त पर बताया कि यहां रात-रात भर पार्टियां चलना, डीजे पर नाच-गाना होना आए दिन का शगल बन गया है। अक्सर रात 11 या 12 बजे बाद जश्न शुरू होते हैं और सुबह होने तक धमाल जारी रहता है। तेज आवाज में डीजे बजाने वाले यह भी भूल जाते हैं कि कालोनी में किसी बुजुर्ग या बीमार व्यक्ति को दिक्कत भी हो सकती है। कालोनी का नियम है कि सुरक्षा कारणों से रात दस बजे बाद दो मेन गेटों में से एक को बंद कर दिया जाता है और एक से ही प्रवेश व निकास दोनों रखे जाते हैं। कालोनी में रहने वालों की भी अपनी एक से अधिक कारें हैं, जो घरों के बाहर भी खड़ी रहती हैं। ऐसे में यदि किसी के घर पार्टी हो तो रास्ता और संकरा हो जाता है। 
बताया जाता है कि दीपावली की रात कालोनी के एक निवासी शहर भ्रमण करके देर रात अपने घर पहुंचे तो उनके पड़ोस के तीन घरों में पार्टियां चल रही थीं। मेहमानों ने कारें इस बेतरतीब तरीके से लगा रखी थीं कि पड़ोसी का अपने घर में घुसना भी मुश्किल हो गया। परेशान पड़ोसी को लगा कि कोई सुनने वाला नहीं है तो उन्होंने पहले थाना हरिपर्वत को सूचना दी। थाने से सुनवाई में समय लगता देख उन्होंने उसके बाद 112 नंबर पर पुलिस पीआरवी को सूचना दे दी।
पीआरवी पुलिस पहुंची तो पड़ोस में आए मेहमानों में हड़कंप मच गया। अनेक मेहमान अपनी-अपनी गाड़ियां लेकर रफूचक्कर हो गए। चर्चा है कि पुलिस को जुआ होने की सूचना दी गई थी। 
बाद में दावा किया गया कि पड़ताल में पार्किंग विवाद ही निकला। पुलिस टीम ने पार्टी कर रहे पड़ोसियों को इस बारे में कड़ी हिदायत दी।
गौरतलब है कि भरतपुर हाउस कालोनी को शहर की सबसे पॉश कॉलोनी में गिना जाता है। कालोनी में सभी उच्च आय वर्ग के लोग रहते हैं। पूर्व में कालोनी के श्रेष्ठ रखरखाव को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार भी मिल चुका है।
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