खबरें आगरा की-2...........


ताजगंज के व्यापारियों को एडीए से राहत दिलाएंगे केंद्रीय मंत्री बघेल
आगरा, 02 अक्टूबर। ताजमहल के आसपास के कारोबारी आज रविवार को बड़ी संख्या में केंद्रीय कानून व न्याय राज्य मंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल के आवास पर पहुंच गए। एक घंटे तक आवास के बाहर प्रतीक्षा करने के बाद जब मंत्री बघेल पहुंचे तो उन्हें काराेबारियों ने अपनी समस्या बतायी। इस पर प्रो. बघेल ने कहा कि ताजमहल की 500 मीटर की परिधि में व्यावसायिक गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने कोई डैडलाइन तय नहीं की है। एडीए व प्रशासनिक अधिकारियों से 17 अक्टूबर तक  व्यावसायिक गतिविधियों पर रोक लगाने की डैडलाइन से राहत दिलाने को वार्ता की जाएगी।
केंद्रीय मंत्री ने लोगों की सरकारी वकील उपलब्ध कराने की मांग को नकार दिया। उन्होंने लोगों से स्वयं वकील करने को कहा। उधर, ताजगंज डवलपमेंट फाउंडेशन के अध्यक्ष नितिन सिंह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की जाएगी। लीगल कमेटी इसके लिए काम कर रही है। 
एडीए से राहत मिलने की मंत्री के आश्वासन के बाद ताजगंज के कारोबारी लौट गए और अपनी दुकानें खोलने में जुट गए हैं।
उधर एडीए ने दुकानों के बाहर नोटिस चस्पा करना शुरू कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन में एडीए ने अब नया आदेश जारी किया है। ताजमहल की चारदीवारी की 500 मीटर की परिधि के अंदर कारोबार कर रहे कारोबारियों को नया सामान नहीं खरीदने की हिदायत दी गई है। इसके साथ ही इस परिधि में स्थित मार्गों पर व्यावसायिक गतिविधियों पर मालवाहक वाहनों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। पुलिस यहां पर मालवाहक वाहनों का प्रवेश रोकेगी।
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शहर सुनाएगा अपनी व्यथा!
आगरा। एक खंडहर के ह्दय सी, एक जंगली फूल सी, आदमी की पीर गूंगी ही सही, गाती तो है...। कवि दुष्यंत की इन पंक्तियों में जो आग है वो आपके भीतर भी सुलग रही है। अब इसे हवा देकर इस शहर की सूरत को बदला जाएगा।
शहर की समस्याओं को लेकर आवाज उठाने वाले समूह आगरा व्यथा की पहली ऑफलाइन  बैठक रविवार को सिकंदरा स्थित उजाला सिग्नस रेनबो हॉस्पिटल के सभागार में हुई। इसमें शहर की समस्याओं और उनके समाधान को लेकर सरकार द्वारा उपलब्ध साधनों का ही उपयोग करके आगे बढ़ने पर चर्चा की गई।
समूह के संचालक डॉ संजय चतुर्वेदी ने कहा कि अपनी आवाज को अलग-अलग मंचों से उठाने के अलावा हमारे पास सरकारी माध्यम भी हैं जिनसे हम समस्याओं को आगे ला सकते हैं, जिम्मेदारी तय कर सकते हैं और संबंधित विभागों या अधिकारियों से जवाब मांग सकते हैं। उन्होंने कहा कि हमें आरटीआई और जनसुनवाई जैसे माध्यमों को अपनी आवाज बनाना होगा। हममें से बहुत कम लोग ही अभी इन माध्यमों का सही ढंग से इस्तेमाल कर पा रहे हैं। डॉ. मुनीश्वर गुप्ता ने कहा कि अगर सरकारी पैसे को अपना मानें तो सुधार ला सकते हैं। हमें जवाब मांगने होंगे। एक-एक पाई का हिसाब मांगना होगा। डॉ सतेंद्र कुमार चंद्रा ने बंदर और कुत्तों के आतंक को कम करने, आवारा पशुओं की वजह से सड़क हादसों की बात को आगे बढ़ाया। डॉ शम्मी कालरा ने कहा कि राजनेताओं द्वारा पूर्व के वर्षों में कराए गए कार्यों का हिसाब मांगना शुरू करें। आरटीआई, जनसुनवाई को माध्यम बनाएं। सामाजिक कार्यकर्ता नरेश पारस ने आरटीआई और जनसुनवाई जैसे माध्यमों पर विस्तार से प्रकाश डाला। पार्षद शिरोमणि सिंह ने सभी समस्याओं को लेकर सप्ताह में एक बार मंडलायुक्त, नगर आयुक्त समेत संबंधित अधिकारियों से मिलने की बात कही। डॉ रजनीश कुमार मिश्रा ने सोशल मीडिया के उपयोग से साथ ही ट्विटर पर रिट्वीट करने का आग्रह किया, जिससे मुद्दों के निस्तारण का दबाव बढ़ाया जा सके।
इस दौरान डाॅ. राहुल गुप्ता, अमित शर्मा, मुकेश गुप्ता, अनंत नगायच, विकास अग्रवाल, संजय चोपड़ा, अखिलेश दुबे आदि मौजूद थे।
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लक्ष्मण को शक्ति लगी, हनुमान लाये संजीवनी
आगरा। रामलीला मैदान में चल रही रामलीला में दिखाया गया कि शान्ति दूत अंगद के लौट आने के बाद सन्धि की सारी शर्तें समाप्त हो जाती हैं। प्रभु श्री राम लंका पर वानरराज सुग्रीव, हनुमान, अंगद, जामवन्त नल-नील के साथ आक्रमण करते हैं और दोनों ओर से घनघोर युद्ध प्रारंभ होता है। 
इन्द्रजीत व लक्ष्मण में घनघोर युद्ध जारी है। इन्द्रजीत युद्ध में हताश हो जाता है। हताश होने के बाद वीरघातिनी शक्ति का वार लक्ष्मण पर करता है। वीरघातिनी के वार से लक्ष्मण मूर्छित हो जाते हैं। विभीषण की सलाह पर हनुमान लंका जाकर सुषेन वैद्य को लाते हैं, उनके द्वारा बताया गया कि हिमालय पर्वत पर संजीवनी बूटी रात्रि के समाप्त होने से पूर्व आ जायेगी तो लक्ष्मण जी जीवित हो जायेंगे। हनुमान हिमालय पर्वत जाते हैं तथा समझ में न आने पर पूरा द्रोणागिरी पर्वत को लेकर चलते हैं। रास्त में युवराज भरत द्वारा बाण मारा जाता है। प्रभु श्री राम का नाम लेकर गिरते हैं भरत जी को पूरी बात बताते हैं। भरत जी द्वारा श्री राम के पास हनुमान को बाण पर बिठाकर भेजा जाता है। हनुमान के बूटी लेकर आने से राम सेना में हर्ष की लहर दौड़ जाती है। उपचार से लक्ष्मण की मूर्छा समाप्त हो जाती है।
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