आगरा कैंट व मथुरा जंक्शन रेलवे स्टेशन पर भी "नफीस" खोलेगा अपराधियों की "कुंडली"


आगरा, 03 सितम्बर। आगरा कैंट व मथुरा जंक्शन रेलवे स्टेशन पर नेशनल ऑटोमेटिक फिंगरप्रिंट आईडेंटिफिकेशन सिस्टम (एनएएफआईएस) सॉफ्टवेयर इंस्टॉल कर दिया गया है। जीआरपी हर दिन अपराधियों के फिंगर प्रिंट का डाटा सॉफ्टवेयर में अपलोड कर रही है। जल्द ही आंखों के आइरिस व रेटिना का बायोमीट्रिक डाटा भी अपलोड किया जाएगा।
गौरतलब है कि अपराधियों का रिकार्ड व पहचान बनाये रखने के लिए पुलिस ने यूपी समेत 18 राज्यों में नेशनल ऑटोमेटिक फिंगरप्रिंट आईडेंटिफिकेशन सिस्टम (एनएएफआईएस) पर काम कर रही है। इस सॉफ्टवेयर पर हर बदमाश की 'जैविक (बायोलॉजिकल) कुंडली' बनाई जा रही है। ताकि कोई भी अपराधी अपनी पहचान छुपाकर फरारी नहीं काट सके।
एसपी रेलवे मोहम्मद मुश्ताक का कहना है कि अपराध और अपराधी दोनों पर नकेल कसने के लिए रेलवे पुलिस कार्यालय, विभिन्न एजेंसियों, ट्रेनिंग सेंटर्स में एनएएफआईएस (NAFIS/नफीस) सॉफ्टवेयर इंस्टॉल किया गया है। सॉफ्टवेयर का उपयोग करने के लिए पुलिस को फिंगरप्रिंट स्कैन करने के लिए दिल्ली एनसीआरबी या लखनऊ फिंगरप्रिंट ब्यूरो से अनुरोध करना होगा। अनुरोध स्वीकार होते ही अपराधी का पूरा आपराधिक इतिहास पुलिस के सामने आ जाएगा। इससे अपराधियों पर शिकंजा कसना आसान हो जाएगा।
यूपी में अभी बारह जीआरपी थानों, नौ एसटीएफ और एक एटीएस ऑफिस, ग्यारह पुलिस ट्रेनिंग स्कूल में एनएएफआईएस (नफीस) सॉफ्टवेयर इंस्टाल किया गया है। इसमें पकड़े गए अपराधी और सजा पाने वाले अपराधियों के फिंगर प्रिंट स्कैन करके उनका आपराधिक डाटा सुरक्षित किया जा रहा है। 
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