पत्रकारों के लिए आधी-अधूरी पेंशन योजना पर कड़ी आपत्ति

आगरा, 04 सितम्बर। प्रदेश सरकार की पत्रकार पेंशन योजना के सम्बन्ध में जिले के वरिष्ठ पत्रकारों की एक बैठक आज रविवार की सायंकाल ताज प्रेस क्लब में हुई, जिसमें शासन द्वारा पेंशन के लिए तय की पत्रकारों की परिभाषा को लेकर घोर आपत्ति की गई।
सभी उपस्थित पत्रकारों ने एक स्वर से मांग की कि पेंशन की परिधि में उन सभी पत्रकारों को लाया जाये जो जीवन भर श्रमजीवी पत्रकार की परिभाषा के अन्तर्गत काम करते रहे हैं। बैठक में कहा गया कि जिन पत्रकारों का सेवापर्यन्त प्रोविडेन्ट फन्ड कटता रहा है और पत्रकारों द्वारा जमा कराये गये अपने ही धन में से नाममात्र की पेंशन मिल रही है। वे सभी पत्रकार सरकार से पेंशन पाने के योग्य घोषित किये जाने चाहिये।
पत्रकारों ने स्पष्ट किया कि सभी बड़े संस्थानों की हर यूनिट में तीस से चालीस पत्रकार सम्पादकीय विभाग में काम करते हैं। सरकार और प्रशासन द्वारा उनमें से हर यूनिट से अधिकतम पांच रिपोर्टर्स और एक फोटोग्राफर को ही मान्यता दी जाती है, जबकि प्रोविडेन्ट फंड सभी पत्रकारों का कटता है। ऐसे में यह तर्कसंगत नहीं माना जा सकता कि पेंशन या अन्य योजनाएं सिर्फ मान्यता प्राप्त पत्रकारों को ही दी जायें। संपादकीय विभाग के सभी पत्रकारों को सभी सरकारी योजनाओं के लिए योग्य घोषित किया जाना चाहिए।
पत्रकारों ने पंजाब, राजस्थान, मध्य प्रदेश और त्रिपुरा की पेंशन योजनाओं पर भी चर्चा की। बैठक में यह तय किया गया कि इस सम्बन्ध में पत्रकारों का एक प्रतिनिधिमंडल शीघ्र लखनऊ जाकर मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, मुख्यमंत्री के सचिव और सूचना सचिव से मुलाकात कर उनके सामने अपना पक्ष रखेगा। इस आशय का मांगपत्र जनप्रतिनिधियों को भी दिया जायेगा।
बैठक में विनोद भारद्वाज, राजीव सक्सेना, संजय तिवारी, ओम ठाकुर, विवेक जैन, सुनयन शर्मा, नरेंद्र प्रताप सिंह, रमेश राय, अशोक सिंह, एम डी खान सहित करीब चार दर्जन पत्रकार उपस्थित थे।

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