बारिश के प्रभाव से रामलीला भी अछूती नहीं, मैदान बना दलदल, दर्शक नदारद
प्रशासन अभी तक न झुग्गियां हटवा पाया, न खाली हुए प्रवेश द्वार
आगरा, 15 सितम्बर। दो दिन से हो रही बारिश ने शहर में कई जगह जलभराव की स्थिति उत्पन्न कर दी है। आगरा किले के सामने स्थित रामलीला मैदान भी इससे अछूता नहीं है। बारिश के कारण यहां दो दिन से शुरू हुई रामलीला पूर्ण आकार नहीं ले पा रही है। बुधवार को भी सूक्ष्म में लीला हो पाई थी और गुरुवार को भी इसे बिना दर्शकों के संक्षिप्त में पूरा करना पड़ा।गुरुवार को दोपहर से हो रही झमाझम बारिश के कारण रामलीला मैदान में खड़े होने तक की स्थिति नहीं थी। पहले लगाई गईं कुर्सियां और मंच पर बिछाये गये कालीन तक पानी से भीग गये। कुर्सियों को समेट कर तिरपाल से ढकना पड़ा। बारिश के कारण दर्शकों की संख्या नदारद थी। रामलीला कमेटी के दस-पन्द्रह पदाधिकारी लीला मंच पर ही कुर्सी लगा कर बैठे और लीला का मंचन कराया।
इससे पहले मैदान का मुआयना करने गए टैंट संचालक के दोनों पांव गीली मिट्टी में धंस गये। दरअसल मेट्रो रेल परियोजना के लिए मैदान के एक हिस्से की खुदाई कर दी गई और दूसरे हिस्से में खुदाई का मलबा डाल दिया गया। रामलीला कमेटी के निरन्तर प्रयासों के चलते मेट्रो अधिकारियों ने मैदान खाली करना तो शुरू कर दिया, लेकिन मैदान को समतल करने और पीली मिट्टी बिछाने का काम पूरा नहीं हो पाया है। जो मिट्टी बिछाई भी गई है, उसने बारिश के कारण दलदल का रूप ले लिया। टैंट संचालक ने कहा कि बारिश रुकने पर रोड रोलर को चलवाना होगा, तभी मैदान ठीक हो पायेगा।
उधर लीला मंचन शुरू हो जाने के बावजूद मेट्रो परियोजना अधिकारियों ने अभी तक रामलीला मैदान के बिजलीघर की ओर वाले प्रवेशद्वार अभी तक खाली नहीं किये हैं। यहां से प्रवेश कर राम मंच तक जनता के आने का रास्ता भी उधड़ा पड़ा है। इन प्रवेश द्वारों के निकट फुटपाथ पर कब्जा जमाए बैठे झुग्गी-झोपड़ी वालों को भी प्रशासन अन्यंत्र शिफ्ट नहीं कर सका है। फलस्वरूप नाले के ऊपर दो पुलियों से होकर मैदान में आने के रास्ते फिलहाल बन्द हैं।
मौसम विभाग का कहना है कि बारिश अभी दो दिन और जारी रह सकती है। विभाग का पूर्वानुमान है कि दो दिन बाद आसमान खुला नजर आएगा, लेकिन उसके अगले दिनों में बारिश फिर हो सकती है।
आज राम जन्म की लीला
रामलीला कमेटी के उपाध्यक्ष व श्रंगार प्रभारी मुकेश अग्रवाल ने कहा कि शुक्रवार को रामजन्म की लीला होगी। इसे उत्सव के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि यदि बारिश बाधा बनी रही तो राम जन्मोत्सव मैदान के निकट राम-हनुमान मंदिर में मनाने की तैयारी की जा सकती है।
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