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रेलवे अधिकारियों के खिलाफ ऑटो चालकों का धरना
आगरा। यहां कैंट रेलवे स्टेशन की प्रीपेड बूथ की ऑटो चालकों ने आज रेलवे अधिकारियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। ऑटो चालकों ने दो दिन से पार्किंग से अपने ऑटो बाहर नहीं निकाले और न ही किसी सवारी को उसके गंतव्य तक ले गए। ऑटो चालकों ने आज पार्किंग पर धरना भी दिया। उनका आरोप है कि रेलवे जबरदस्ती ऑटो पार्किंग को खाली करा रहा है।
ऑटो चालकों का कहना है कि वर्ष 1994 में तत्कालीन मंडलायुक्त ने पार्किंग स्टैंड को निर्धारित कराने में अहम भूमिका निभाई थी। अगर यह ऑटो स्टैंड हाथ से चला गया तो रोजी-रोटी पर बड़ा संकट खड़ा हो जाएगा। रेल अधिकारियों द्वारा उनको विस्थापित किया जा रहा है, जिसके चलते रोजी-रोटी पर बड़ा संकट खड़ा हो गया है। हर ऑटो चालक इस प्रदर्शन में शामिल है। वह अपना ऑटो स्टैंड से बाहर नहीं निकालेगा।
रेलवे की जनसंपर्क अधिकारी प्रशस्ति श्रीवास्तव का कहना है कि ऑटो चालकों को विस्थापित करने की कोई योजना नहीं है। ऑटो स्टैंड दाएं हाथ पर था लेकिन कोविड-19 के चलते अलग से प्रक्रिया अपनाई गई थी। अब उन्हें पुनः दाएं हाथ पर बने ऑटो स्टैंड पर भेजा जा रहा है।
इस मामले में ऑटो चालकों का आरोप है कि यह सारी प्रक्रिया ओला टैक्सी वालों के लिए की जा रही है।
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551 छात्राओं को महामेधा सम्मान
आगरा। सेवा आगरा और महाकाली धर्मार्थ ट्रस्ट द्वारा आज बल्केश्वर स्थित संत रामकृष्ण कन्या महाविद्यालय में इस वर्ष इंटरमीडिएट की परीक्षा उत्तीर्ण करने वाली यूपी, सीबीएसई और आईसीएसई बोर्ड की 551 छात्राओं को महामेधा सम्मान दिया गया। मुख्य अतिथि विधायक अंजुला सिंह माहौर ने प्रमाण पत्र और स्मृति चिन्ह दिये।
इस दौरान सेवा आगरा के अध्यक्ष मुरारी लाल गोयल, सुमन गोयल, महाकाली धर्मार्थ ट्रस्ट के मनमोहन चावला, रविकांत चावला, संत रामकृष्ण कन्या महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. मोहिनी तिवारी, प्रिया कपूर, डॉ. एके अग्रवाल, पार्षद अमित ग्वाला, आशा चावला, अनु चावला, सुषमा सत्संगी और रुपेश अग्रवाल प्रमुख रूप से मौजूद रहे। डॉ. रागिनी मित्तल ने संचालन किया। समारोह के दौरान इस वर्ष नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग से इंटरमीडिएट की परीक्षा 73 प्रतिशत अंकों से उत्तीर्ण करने वाली 55 वर्षीया ममता गुप्ता को भी सम्मान प्रदान किया गया।
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पुलिस लाइन के घरों में फिर चोरियां
आगरा। जिले में आम नागरिक ही बढ़ते अपराधों से दुःखी नहीं है, पुलिस लाइन में भी चोर आवासों में आसानी से ताले तोड़कर चोरी कर रहे हैं। चोरों को पकड़े जाने का भी डर नहीं है।
पूर्व में भी पुलिस लाइन में कुछ पुलिसकर्मियों के आवासों में चोरी हुई थी। पुलिस उन चोरों को आज तक नहीं पकड़ पाई। सवाल यह भी खड़े हो रहे हैं कि जब पुलिसकर्मियों के ही घर सुरक्षित नहीं है तो आम आदमी के घर कैसे सुरक्षित रहेंगे?
पिछले कुछ समय में जिले में अपराध तेजी से बढ़े हैं। कहीं चेन तोड़ी जा रही है तो कहीं गोली मारकर हत्या की जा रही है, तो कहीं गोली मारकर जान लेने का प्रयास किया जा रहा है। बंदी आसानी से पुलिस सुरक्षा से फरार हो रहे हैं। दिनदहाड़े डकैती भी पड़ रही हैं। आखिर एकदम जिले को क्या हो गया है? यह सवाल सभी और गूंज रहा है।
आज सुबह एक कॉन्स्टेबल अपनी ड्यूटी कर जब पुलिस लाइन स्थित अपने आवास में पहुंचा तो ताला टूटा पड़ा था और नगदी और गहने चोरी हो चुके थे। कॉन्स्टेबल के घर के अलावा तीन- चार घरों का और ताला टूटा हुआ था। इससे पहले भी 20 मई को पुलिस लाइन के अंदर चार से पांच पुलिसकर्मियों के आवासों में चोरी हुई थी। उस समय तत्कालीन एसएसपी सुधीर कुमार सिंह मौके पर पहुंचे थे। आज तक चोरों का सुराग नहीं लगाया जा सका। आज दूसरी चोरी की वारदात हो गई। अब पुलिस इसे किस तरीके से चुनौती के रूप में लेगी यह देखने वाली बात होगी। इंस्पेक्टर शाहगंज जसवीर सिरोही ने बताया कि चोरों का सुराग लगाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
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