न्यू आगरा में गार्ड को पीटने वाली महिला पर मुकदमा दर्ज

- वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने उठाया कदम
- कुत्तों को भगाने से नाराज होकर गार्ड को मारे थे डंडे
आगरा, 14 अगस्त। शहर में एक महिला टीचर की दबंगई का वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने संज्ञान लेते हुए महिला के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर विधिक कार्यवाही शुरू कर दी है।
यह महिला टीचर वीडियो में एक पूर्व सैनिक गार्ड को डंडे से पीटती और गालियां देती दिख रही है। गार्ड ने गालियों का जवाब अपशब्द से दिया, लेकिन यह भी कहा कि महिला हो इसलिए हाथ नहीं उठा सकता।
न्यू आगरा कॉलोनी के बी-ब्लॉक में एलआईसी आवासीय परिसर है। यहां पूर्व सैनिक गार्ड अखिलेश सिंह भदौरिया काम करते हैं। शनिवार शाम 5:15 बजे के करीब कुछ महिलाएं वहां पहुंचीं। उन्होंने गार्ड पर कुत्तों से मारने-पीटने का आरोप लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया रौब झाड़ते हुए पहले तो गार्ड को गालियां दीं। फिर डंडे से पिटाई कर दी। महिला टीचर की अभद्रता और मारपीट करने पर गार्ड ने वीडियो बना लिया और पुलिस से शिकायत कर दी। महिला टीचर ने भी गार्ड का वीडियो बनाया है। एलआईसी आवासीय परिसर के प्रतिनिधिमंडल ने भी शिक्षिका की थाने में शिकायत की है। शिक्षिका के साथ में आई दूसरी महिला ने खुद को भाजपा नेत्री बताया।
वीडियो में दिख रहा है कि महिला टीचर किसी से फोन पर बात करते हुए गार्ड के खिलाफ कार्रवाई कराने के लिए कह रही है। गार्ड अपनी सफाई देता नजर आ रहा है। साथ ही महिला की गालियों का जवाब दे रहा है। 
न्यू आगरा कॉलोनी में आवारा कुत्ते हैं। कुत्ते एलआईसी परिसर में गंदगी करते हैं। इसलिए गार्ड वहां से कुत्तों भगा देता है। वीडियो में महिला टीचर गार्ड पर आरोप लगा रही थी कि वह कुत्तों को मारता है। गार्ड सफाई दे रहा था कि परिसर में गंदगी न करें, इसलिए वह कुत्तों को यहां से भगा देता है, मारता नहीं है। परिसर की सुरक्षा करना उसकी जिम्मेदारी है। इसी बात को लेकर महिला टीचर आपा खो बैठी। उसने गार्ड पर डंडे बरसा दिए और गालियां दीं। जवाब में गार्ड ने भी महिला को गालियां दीं। घटना के वक्त भाजपा नेत्री भी साथ थी। वह कॉलोनी की अन्य महिलाओं की गार्ड को सपोर्ट करने की शिकायत कर रही थी। कॉलोनी के कुछ लोगों ने भाजपा नेत्री की पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों से शिकायत की है।
नगर पुलिस अधीक्षक ने बताया कि इस मामले में महिला के खिलाफ मुकदमा दर्ज करके विधिक कार्यवाही की जा रही है। इस बीच असहाय जानवरों की देखरेख करने वाली संस्था कैस्पर्स होम ने पूरे प्रकरण से स्वयं को अलग कर लिया है। कैस्पर्स होम ट्रस्ट की विनीता अरोड़ा ने एक पत्र जारी करते हुए कहा कि इस प्रकरण से ट्रस्ट का कोई लेना-देना नहीं है।



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