नए आदेश से दवा बाजार में खलबली!

नशीली दवाओं की खरीद-बिक्री व भंडारण की सीमा निर्धारित
आगरा, 18 अगस्त। नशीली दवाओं के दुरुपयोग और उसके बढ़ते काले कारोबार पर अंकुश लगाने के लिए पूरे यूपी में नशीली दवाओं की खरीद-बिक्री व भंडारण की सीमा निर्धारित कर दी गई है। इस नए आदेश से दवा बाजार में खलबली मची हुई है। शासन स्‍तर की जांच होने के डर से कई कारोबारी र‍िकार्ड को सही करने में जुटे हैं।
खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के औषधि अनुज्ञापन एवं नियंत्रण प्राधिकारी एके जैन ने विगत 15 अगस्त को यह आदेश जारी किया। आदेश होने के बाद से बाजार में नशीली दवाओं की ब‍िक्री में एकदम से गिरावट आ गई है।
आदेश में कहा गया है कि फुटकर विक्रेता को अधिकतम 100 बोतल कोडीन सीरप की बिक्री की जाएगी और वह इससे ज्यादा का भंडारण नहीं कर सकेंगे। वह ग्राहक को प्रति बिल मात्र एक बोतल ही देंगे। ट्रामाडोल, अल्प्राजोलाम और क्लोनाजेपाम पर भी नियंत्रण ट्रामाडोल, अल्प्राजोलाम और क्लोनाजेपाम पर भी नियंत्रण किया गया है। थोक विक्रेता इनके 10 हजार टेबलेट या कैप्सूल से अधिक का भंडारण नहीं कर सकेंगे। फुटकर विक्रेता को 200 कैप्सूल या टेबलेट की बिक्री की जा सकेगी। फुटकर विक्रेता ट्रामाडोल के अधिकतम दो हजार टेबलेट या कैप्सूल रख सकेंगे। अल्प्राजोलाम और क्लोनाजेपाम के एक हजार टेबलेट का ही भंडारण कर सकेंगे और वह ग्राहक को हर पर्चे पर अधिकतम 20 टेबलेट ही बेच सकेंगे।
डाइजेपाम व नाइट्राजेपाम के मात्र 10 टेबलेट ही ग्राहक को बेचे जाएंगे। थोक विक्रेता डाइजेपाम व नाइट्राजेपाम के दो हजार टेबलेट या कैप्सूल से अधिक का भंडारण नहीं कर सकेंगे। फुटकर विक्रेता को 50 टेबलेट या कैप्सूल ही एक बिल में बेचा जाएगा और वह अधिकतम 200 टेबलेट या कैप्सूल का भंडारण कर सकेंगे। वह ग्राहक को प्रति पर्चा मात्र 10 टेबलेट या कैप्सूल ही बेचेंगे।
इसके अलावा थोक विक्रेता पेंटाजोसिन और ब्रूफिनोर्फिन के दो हजार टेबलेट या कैप्सूल से अधिक का भंडारण नहीं कर सकेंगे। फुटकर विक्रेता को 50 टेबलेट या कैप्सूल ही एक बिल में बेचे जाएंगे और वह 50 टेबलेट या कैप्सूल से अधिक का भंडारण नहीं कर सकेंगे।
ग्राहक को प्रति पर्चा मात्र 10 टेबलेट या कैप्सूल ही बेचे जा सकेंगे। इसमें कोडीन सिरप, ट्रामाडाल, अल्प्राजोलाम, डायजेपाम, नाइट्राजेपाम, पेंटाजोसिन, ब्रूफिनोर्फिन और क्लोनाजेपाम दवाएं शामिल हैं।



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