डा.भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय में करोड़ों के घोटाले के आरोप

आगरा, 23 अगस्त। एनएसयूआई के पदाधिकारियों ने डा.भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय के अधिकारियों पर छात्रों के पैसे का दुरुपयोग कर करोड़ों के घोटाले करने के गम्भीर आरोप लगाये हैं।
मंगलवार को विश्वविद्यालय परिसर में प्रेसवार्ता करते हुए पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष गौरव शर्मा और एनएसयूआई के प्रवक्ता अपूर्व शर्मा ने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा सत्र 2022-23 की आवासीय संस्थानों के लिए विज्ञापन हर वर्ष की भांति निकाला है। इस विज्ञापन पर विश्वविद्यालय द्वारा इतना पैसा खर्च किया गया है जितना शैक्षिक सत्र 2022-23 में नये प्रवेशित छात्रों से एक वर्ष की शुल्क प्राप्त नहीं कर सकते। इस विज्ञापन को सत्या एडवरटाइजिंग कम्पनी को दिया गया और इस पर दो बार में दो करोड़, 20 लाख, 48 हजार, छह सौ रुपये ( दो करोड़, नौ लाख, 15 हजार 181 रुपये एवं 11 लाख, 33 हजार, 419 रुपये) खर्च किये गये।
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के आवासीय संस्थानों में अध्ययनरत पीएचडी सत्र 2018 के छात्रों के लिए कुलसचिव के आदेशानुसार एक पत्र जारी किया गया। इस पत्र के अनुसार, विश्वविद्यालय पीएचडी के आरक्षित 50 छात्र-छात्राओं को 5000 रुपये प्रति माह एक वर्ष के लिए स्कॉलरशिप देगा। छात्रों से आवदेन कराये गये एवं प्रक्रिया पूर्ण कर ली गयी और कहा गया कि पैसा छात्रों के बैंक अकाउण्ट में भेज दिया जायेगा। लेकिन किसी छात्र के पास कोई पैसा नहीं आया। 
यह भी लगाए आरोप
1- विश्वविद्यालय में परीक्षा का कार्य कर रही एजेंसी डिजिटेक्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा छात्रों की परीक्षा शुल्क 800 रुपये प्रति छात्र की जगह 1300 रुपये प्रति छात्र कर दिया गया, जिसमें छात्रों के लाखों रुपये का घोटाला किया गया।
2- परीक्षा विभाग के स्थानांतरण के नाम पर घोटाला किया गया।
3- खंदारी परिसर स्थित नवनिर्मित भवन शिवाजी मंडपम का पूर्ण भुगतान होने के पश्चात भी लगभग एक करोड़, 75 लाख रुपये का भुगतान फॉल सीलिंग के नाम पर कर दिया गया।
प्रेस वार्ता में अंकुश गौतम, बलबीर, दीपक व पीएचडी के अन्य छात्र उपस्थित रहे।

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