बांके बिहारी मंदिर में अफसर बनाते रहे वीडियो
भीड़ का दबाव बढ़ने से दो श्रद्धालुओं की दम घुटने से मौत, भगदड़ में आधा दर्जन घायल
आगरा, 20 अगस्त। पड़ोसी जिले मथुरा में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर शुक्रवार की देर रात करीब 1.55 बजे बांकेबिहारी मंदिर में मंगला आरती दर्शन को भीड़ का दबाव लगातार बढ़ रहा था। प्रत्यक्षदर्शियों के दावा है कि डीएम, एसएसपी और नगर आयुक्त मंदिर में खुद परिवारीजनों के साथ मौजूद थे और मोबाइल फोन से वीडियो बना रहे थे।
अचानक हुए हादसे के बाद एसएसपी ने जरूर भीड़ के बीच पहुंचकर हालात संभालने की कोशिश की। लेकिन, दूसरे अफसर मंदिर कार्यालय में ही बैठे रहे। अधिक भीड़ हो जाने के कारण कुछ श्रद्धालुओं का दम घुट गया। जिसकी वजह से दो श्रद्धालुओं की मौत हो गई और करीब आधा दर्जन लोग घायल हो गए। घायलों को विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया।
ठा. बांकेबिहारी मंदिर में साल में एक ही दिन श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर मंगला आरती होती है। देर रात 1.55 बजे मंगला आरती शुरू हुई तो इंतजार कर रहे लोगों के सब्र का बांध टूटा और मंदिर में मौजूद श्रद्धालुओं को धकियाते हुए अंदर बढ़ने लगे। ऐसे में भीड़ का दबाव बढ़ता गया और हालात बेकाबू हो गए। मंदिर के अंदर पहले से मौजूद श्रद्धालुओं में भगदड़ मच गई। हादसे के दौरान मंदिर में मौजूद नगर आयुक्त अनुनय झा वीडियो बनाते नजर आ रहे थे, उनके ही समीप डीएम नवनीत चहल और एसएसपी अभिषेक यादव अपने परिवारीजनों के साथ मौजूद थे। हालात को संभालने का कोई रास्ता उन्हें नजर नहीं आ रहा था। बहरहाल, एसएसपी खुद नीचे उतरे और भीड़ के बीच जमीन पर दबे लोगों को बचाने में मदद करने लगे। पुलिस ने श्रद्धालुओं को बाहर निकालते हुए अलग-अलग अस्पतालाें में भर्ती कराया।
आज सुबह पांच बजे तक स्थिति सामान्य हो चुकी थी। दर्शन सामान्य हो चुके थे। बहुत से लोग इस बात से वाकिफ भी नहीं दिखे कि रात यहां कुछ हुआ था।
दम घुटने से जिन दो श्रद्धालुओं की मौत हुई, उनमें नोएडा सेक्टर 99 निवासी महिला निर्मला देवी व वृन्दावन के रुक्मिणी विहार कॉलोनी निवासी 65 वर्षीय राम प्रसाद विश्वकर्मा शामिल हैं। राम प्रसाद मूल रूप से जबलपुर के रहने वाले थे। घटना के बाद अस्पताल पहुंचे परिवारीजन बिना पोस्टमार्टम कराए शवों को ले गए।
मथुरा और वृंदावन में इस समय सभी आश्रम, धर्मशाला और होटल फुल हैं। हजाराें लोग कहीं जगह न मिलने के कारण रात को सड़क पर ही साे रहे थे। गनीमत ये रही कि रात में बरसात न होने से ये लोग साे भी सके।
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