आगरा के जन्म की जनश्रुतियां बहुत पर प्रमाण नहीं!

नगर निगम अब हर वर्ष शरद पूर्णिमा पर मनाएगा आगरा दिवस
आगरा, 20 अगस्त। आगरा के जन्मदिवस मनाने के लिये नगर निगम द्वारा गठित कमेटी दो माह की मशक्कत के बाद भी एकमत नहीं हो सकी। किसी ने कुछ तथ्य रखे तो किसी ने कुछ। लेकिन प्रामाणिक तथ्यों का अभाव महसूस किया गया। ऐसे में एक सर्वमान्य फार्मूला निकाला गया कि "शरद पूर्णिमा" के दिन "आगरा दिवस" मनाया जाये। कहा गया कि यह दिन पौराणिक महत्व का तो है ही, ताजमहल के कारण देश-विदेश के पर्यटकों का भी शहर के प्रति आकर्षण रहता है। यदि इसे उत्सव के रूप में मनाना शुरू कर दिया जाये तो बड़ी संख्या में शहरवासी और बाहरी पर्यटक भी इससे जुड़ जाएंगे।
विगत 20 जून को गठित समिति के सभी पदाधिकारियों के साथ विचार-विमर्श करने के बाद महापौर नवीन जैन ने आज शनिवार को आगरा दिवस मनाए जाने की तिथि की घोषणा की। अश्विन मास की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है। इस वर्ष यह तिथि नौ अक्टूबर को होगी। अगले वर्षों में शरद पूर्णिमा की जो भी तिथि होगी, उसी दिन आगरा दिवस मनाया जाएगा। इस दौरान सप्ताह भर शहर में जगह-जगह विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।
इस साल पांच अक्टूबर से 10 अक्टूबर तक शहर में विभिन्न जगहों पर कई कार्यक्रम होंगे। इनमें ड्राइंग एवं कार्टून प्रतियोगिता, नाट्य महोत्सव, दस प्रमुख चौराहों पर विभिन्न म्यूजिकल ग्रुप के द्वारा सिंगिंग एवं डांस कार्यक्रम, कवि सम्मेलन, मुशायरा और नगर रैली का आयोजन के साथ ही नगर श्री अवार्ड समारोह शामिल हैं।
समिति में शामिल एक सदस्य ने कहा कि आगरा के जन्म के बारे में जनश्रुतियां तो बहुत हैं, लेकिन कोई ठोस प्रमाण उपलब्ध नहीं हैं। तीन अन्य तिथियों पर भी विचार हुआ, लेकिन मतैक्य नहीं हो सका। अब चूंकि नगर निगम को यह दिवस मनाने के निर्देश "ऊपर" से दिये गए हैं, इसलिए शरद पूर्णिमा का दिन आगरा दिवस के रूप में मनाये जाने का सुझाव दिया गया। इस पर सहमति बन गई। 
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