खबरें आगरा की.......... News At A Glance
जिला अस्पताल में एआरवी नहीं, सत्यमेव जयते संस्था ने हाथ किये खड़े
आगरा, 13 जुलाई। जिला अस्पताल में कुत्तों के काटे जाने पर लगने वाली एंटी रैबीज वैक्सीन के खत्म हो जाने पर आज लोगों ने हंगामा किया।
जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. एके अग्रवाल का कहना है कि शासन की ओर से उन्हें एआरवी नहीं मिल पा रही हैं। एआरवी की बेहद कमी है। सामाजिक संस्थाएं मदद कर रही थीं, लेकिन अब सामाजिक संस्था सत्यमेव जयते ने भी हाथ खड़े कर दिए हैं। प्रतिदिन 350 से 400 लोगों को एआरवी लग रही है।
सीएमएस के अनुसार, सामाजिक संस्था सत्यमेव जयते ने अब उनसे कह दिया है कि वह सिर्फ गरीब लोगों को ही हमारी दी हुई वैक्सीन लगाएं। जो लोग पैसे वाले हैं, उन्हें बाजार से लाने को कहेंं। नहीं तो अब संस्था और एआरवी नहीं दे पाएगी। सीएमएस ने लोगों से भी अपील की कि जो लोग एआरवी अफोर्ड कर सकते हैं, वे स्वयं एआरवी लेकर आएं और यहां लगवा सकते हैं।
आज सुबह से ही जिला अस्पताल में लंबी-लंबी लाइनें लग गईं, लेकिन वैक्सीन नहीं मिलने पर लोगों के सब्र का बांध टूट गया। उन्होंने हंगामा किया। काफी देर बाद एंटी रैबीज वैक्सीन विभाग में बैठे जिला अस्पताल प्रशासन के कर्मचारियों ने लोगों को समझाया कि वैक्सीन खत्म हो गई है। इस कारण समस्या आ रही है। पीड़ित लोगों ने बताया कि जिला अस्पताल के कर्मचारियों की ओर से कहा जा रहा है कि वे बाजार से एआरवी लेकर आएं और यहां पर लगवा लें क्योंकि वैक्सीन खत्म हो गई है। जबकि कुछ लोगों को वैक्सीन लगाई जा रही है। सरकारी अस्पताल में दोहरी नीति किसी को समझ में नहीं आ रही है। लोगों का कहना था कि अगर वैक्सीन नहीं है तो फिर कुछ लोगों को वैक्सीन आखिरकार क्यों लगाई जा रही है।
इस बारे में सीएमएस ने कहाकि उनके पास सामाजिक संस्था द्वारा दी गई कुछ ही एंटी रेबीज वैक्सीन बची हैं। इसीलिए वह संस्था के कहने पर जरूरतमंद लोगों को ही वैक्सीन लगा रहे हैं।
-------------------------------------
वृद्धा ने की यमुना में छलांग लगाने की कोशिश
आगरा। तीर्थ धाम बटेश्वर में विगत दिवस एक वृद्ध महिला ने यमुना नदी किनारे आत्महत्या को छलांग लगाने का प्रयास किया। उसी दौरान ग्रामीणों ने उसे पकड़ लिया और घटना की जानकारी स्थानीय पुलिस को दी।
महिला कौन है और यमुना नदी में छलांग लगाने क्यों आई, पुलिस ने इसका पता लगाने का भरपूर प्रयास किया। मगर लाख प्रयास के बावजूद महिला ने अपना नाम, पता नहीं बताया। यह भी नहीं बताया कि किस कारण से दुःखी होकर वह आत्महत्या करने जा रही थी।
पुलिस ने उसे खाना खिलाया, पानी पिलाया। इसके बाद मंगलवार को थाना बाह में तैनात उप निरीक्षक नीरज मिश्रा द्वारा महिला से काफी पूछताछ की गई। मगर वह कुछ बताने को तैयार नहीं हुई। बस एक ही बात दोहरा रही थी कि मुझे यमुना नदी किनारे छोड़ दो। मैं जिंदा नहीं रहना चाहती।
महिला के हाथ पर शारदा नाम लिखा हुआ है। महिला के परिजनों के बारे में कोई जानकारी नहीं होने पर पुलिस ने महिला को वृद्धाश्रम आगरा भेज दिया।
------------------------------------------
अस्पताल संचालक को दस वर्ष सश्रम कारावास
आगरा। गैर इरादतन हत्या, गर्भपात एवं एमटीपी एक्ट के तहत दोषी मां श्रृंगार अस्पताल के संचालक केपी सिंह को अदालत ने दस वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। अपर जिला जज रनवीर सिंह ने आरोपी को सजा के साथ ही 41,000 रुपये के अर्थदंड से भी दंडित किया। इसी मामले में आरोपी एक अन्य चिकित्सक राजेन्द्र सिंह को अदालत ने साक्ष्य के अभाव में बरी करने के आदेश किए।
इसके साथ ही अदालत ने डीएम को समय-समय पर हॉस्पीटलों की जांच के निर्देश दिए हैं।
घटना मार्च, 2011 की है। वादी भूरी सिंह ने अपनी तीन माह की गर्भवती पत्नी मनीषा को दर्द होने पर को ट्रांस यमुना कॉलोनी स्थित मां श्रृंगार अस्पताल में भर्ती कराया था। अस्पताल संचालक डॉ केपी सिंह ने पत्नी का गर्भपात कराने की सलाह दी, जिसमें 2500 रुपये का खर्च बताया। रुपये जमा कराने के बाद उसकी रसीद भी नहीं दी। आरोपी ने वादी की पत्नी मनीषा का गर्भपात कर दिया। आरोपी ने इलाज में घोर लापरवाही बरती, जिससे वादी की पत्नी के अंदरूनी अंगों को काफी नुकसान पहुंचा।
अस्पताल संचालक ने तथ्यों को छिपा वादी से कागजात पर हस्ताक्षर करा लिये। इसके बाद वादी और उसकी पत्नी को अस्पताल से बाहर निकाल दिया। वादी ने अपनी पत्नी को अन्य विशेषज्ञ डॉक्टर को दिखाया तो पता चला कि अस्पताल संचालक ने उसकी पत्नी के गर्भाशय को नष्ट कर दिया था। एसएन मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान वादी की पत्नी मनीषा की मौत हो गई। वादी ने एत्माद्दौला थाने में मुकदमा दर्ज कराया।
मुकदमे के विचारण के दौरान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता रूपेश गोस्वामी ने वादी सहित छह गवाह अदालत में पेश किए। साक्ष्यों के आधार पर अपर जिला जज रनवीर सिंह ने अस्पताल संचालक केपी सिंह को लेकर दस वर्ष सश्रम कारावास और 41,000 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।
-------------------------------------
हर व्यक्ति गुरु बनना चाहता है- जैन मुनि मणिभद्र
आगरा। गुरु पूर्णिमा के शुभ दिन से जैन चातुर्मास का प्रारंभ होता है। इस अवसर पर जैन स्थानक महावीर भवन राजा की मंडी में अंतर्राष्ट्रीय मानव मिलन संस्थापक नेपाल केसरी जैन संत डॉक्टर मणिभद्र मुनि ने गुरु महिमा का महत्व बतलाया। उन्होंने कहा कि आज का हर व्यक्ति गुरु बनना चाहता है। शिष्य तो कोई बनना ही नहीं चाहता है, लेकिन बिना शिष्य बने कोई गुरु नहीं बन सकता और शिष्य बनने का मतलब है श्रद्धा और समर्पण की भावना। इसलिए अगर हम शिष्य बन कर आगे बढ़ेंगे तभी हम जीवन में कुछ अच्छा कर सकते हैं।
इस अवसर पर आगरा सहित तिकुनिया, कानपुर, दिल्ली, सोनीपत व नेपाल से भी श्रद्धालु आशीर्वाद भी लेने पहुंचे। जैन संघ के राजेश सकलेचा, नरेश चपलावत, मुकेश जैन, अशोक जैन ओसवाल, प्रेमचंद जैन, संदेश जैन, विवेक कुमार जैन आदि उपस्थित थे।
-----------–------------
Post a Comment
0 Comments