रितिका हत्याकांड: न मोबाइल मिले, न फरार आरोपी
आगरा, 07 जुलाई। शहर के बहुचर्चित ब्लॉगर रितिका सिंह हत्याकांड में 13 दिन बाद भी पुलिस फरार दो आरोपियों को पकड़ नहीं सकी है। जांच टीम को अभी तक रितिका और विपुल अग्रवाल के मोबाइल फोन भी नहीं मिल पा रहे हैं। मुख्य आरोपी आकाश गौतम को भी पुलिस ने रिमांड पर लेकर पूछताछ नहीं की है। रितिका के माता-पिता पुलिस की इस लापरवाही से नाराज हैं।
गौरतलब है कि विगत 24 जून को थाना ताजगंज के ओम श्री प्लेटिनियम अपार्टमेंट की चौथी मंजिल से फेंककर रितिका की हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड में पुलिस ने पांच लोगों के नाम बताए थे। आकाश गौतम, रितिका का पति चेतन, अनवर और दो अन्य महिलाएं। पुलिस ने आकाश गौतम और दो महिलाओं को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया, लेकिन फिरोजाबाद के रहने वाले चेतन और अनवर अभी तक पुलिस की पकड़ से दूर हैं। रितिका और विपुल के मोबाइल फोन इस मर्डर मिस्ट्री को सुलझाने में काफी अहम साबित हो सकते हैं। दोनों के मोबाइल फोन अभी तक पुलिस ट्रेस नहीं कर पाई है।
क्षेत्राधिकारी अर्चना सिंह का कहना है कि पुलिस दोनों फरार आरोपियों को पकड़ने के लिए लगातार दबिश दे रही है। इसके अलावा जांच टीम डिजिटल ऐवीडेंस कलेक्ट कर रही है, जो भी इस मामले में संलिप्त मिल रहे हैं, सबसे पूछताछ की जा रही है।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि आकाश गौतम ने रितिका की हत्या की। मृतका रितिका ने अपनी मौत की आशंका जताते हुए पहले ही फिरोजाबाद जिले के टूण्डला थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। इसके बाद रितिका को धमकियां मिलनी शुरू हो गईं। रितिका ने फिरोजाबाद के एसएसपी को एक पत्र भी लिखा था जो कि उसकी हत्या के बाद पुलिस को मिला। इसमें उसने विपुल (जिसके साथ रितिका लिव इन में रहती थी) के परिवारीजनों अनिल धर, सत्यम धर, दीपाली अग्रवाल आदि पर अपनी हत्या करवाने का खतरा बताया था।
रितिका सिंह के माता पिता का कहना है कि उनकी बेटी ने अपनी हत्या से पहले ही सीएम पोर्टल और फिरोजाबाद के एसएसपी से शिकायत की थी। रितिका अपनी जान का खतरा महसूस हो गया था, लेकिन पुलिस अधिकारियों की शिथिल कार्यशैली के चलते उनकी बेटी की हत्या हो गई। रितिका के माता-पिता ने विगत मंगलवार को एडीजी पुलिस राजीव कृष्ण से भी गुहार लगाई। एडीजी ने सीओ सदर, थाना ताजगंज प्रभारी आदि जांच में जुटे पुलिस अधिकारियों को तलब कर मामले की समीक्षा की।
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