खाद्यान्न पर जीएसटी के विरोध में मोतीगंज और नवीन गल्ला मंडी बन्द रहे

व्यापारी नेता बोले, कॉरपोरेट घरानों के दबाव में काम कर रही सरकार
आगरा, 16 जुलाई। खाद्यान्न पर प्रस्तावित पांच प्रतिशत जीएसटी से नाराज व्यापारियों ने केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। जीएसटी के विरोध में मोतीगंज खाद्य बाजार और नवीन गल्ला मंडी की करीब पांच सौ दुकानें आज पूरी तरह बंद रहीं। इससे करोड़ों रुपये की बिक्री प्रभावित हुई।
जीएसटी काउंसिल द्वारा पैकिंग की परिभाषा में बदलाव कर खाद्यान्न को पांच प्रतिशत टैक्स के दायरे में लाए जाने के निर्णय के विरोध में व्यापारियों ने आज देशव्यापी बंद का आह्वान किया था। इसके समर्थन में आगरा का गल्ला कारोबार भी बंद रहा। मोतीगंज खाद्य बाजार की तीन सौ दुकानों में से अधिकतर के शटर बंद रहे। फिरोजाबाद रोड स्थित नवीन गल्ला मंडी परिसर और उसके बाहर स्थित दुकानों के ताले भी नहीं खुले। कल रविवार का साप्ताहिक अवकाश है। इसलिए लोगों को दाल एवं चावल आदि की खरीद के लिए सोमवार तक इंतजार करना होगा।
श्री मोतीगंज खाद्य व्यापार समिति के अध्यक्ष रमनलाल गोयल एवं आगरा व्यापार समिति के अध्यक्ष जयप्रकाश अग्रवाल ने केन्द्र सरकार के जीएसटी संबंधी निर्णय की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि यह निर्णय कॉरपोरेट घरानों के दबाव में लिया गया है। इसके कारण आटा, मैदा, सूजी, गुड़, चावल, दाल आदि महंगे होने जा रहे हैं। खाद्यान्न में पैकिंग दिखावे के लिए नहीं होती। इसका इस्तेमाल खाद्यान्न की सुरक्षा के लिए किया जाता है। इसके बावजूद सरकार ने पांच प्रतिशत का टैक्स लगाकर बाजार में महंगाई की आग को और भी ज्यादा भड़का दिया है।
आगरा मंडल व्यापार संगठन के व्यापारी नेताओं ने भी जीएसटी दर बढ़ाए जाने का विरोध किया। संगठन के नेताओं ने कहा कि सरकार की यह दबंगई है जिसका सीधा-सीधा असर आम जनता पर पड़ेगा। रोजमर्रा में खाने की चीजों पर जीएसटी लगाये जाने से मध्यम वर्गीय एवं गरीब परिवारों पर आर्थिक बोझ पड़ेगा। नेताओं ने कहा कि आगरा का 60 प्रतिशत उद्योग पर्यटन पर निर्भर है इसमें होटल व्यवसाय प्रमुख रूप से हैं और सरकार ने 18 जुलाई से 1000 रुपये से कम दर के कमरों पर भी जीएसटी को लागू कर दिया है। यह एक हिटलरी फरमान है। व्यापारी नेताओं ने सरकार से मांग की कि जब पिछले तीन साल से जीएसटी का कलेक्शन बढ़ा है तो केंद्र सरकार बड़े कारपोरेट घरानों के दबाव में जीएसटी न लगाए और इसे तुरंत वापस ले।
एक अन्य बयान में समाजवादी पार्टी के पूर्व विधानसभा प्रत्याशी विनय अग्रवाल, लाल सिंह लोधी, धर्मेंद्र यादव, विनोद अग्रवाल, संजय अग्रवाल आदि ने जीएसटी का विरोध करते हुए व्यापारियों को पूर्ण समर्थन दिया। बयान में कहा गया कि वैसे ही कोरोना काल में जनता की आमदनी कम हो गई है। पेट्रोल महंगा हो चुका है। पेट्रोल के कारण हर वस्तु में महंगाई आ चुकी है। अप्रैल 2022 में 1.68 लाख करोड़ रुपये का ऐतिहासिक जीएसटी कलेक्शन हुआ। जीएसटी कलेक्शन लगातार बढ़ रहा है तो क्यों इन रोजमर्रा की वस्तुओं पर टैक्स लगाया जा रहा है। सरकार के इस रवैये से आम आदमी का जीना मुश्किल हो जाएगा। 
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