आगरा के देवांश की प्रतिभा से अमेरिका भी प्रभावित, नासा बुलाया
मात्र 11 साल की आयु में कम्प्यूटर कोडिंग में बनाई अंतरराष्ट्रीय पहचान
आगरा, 03 जुलाई। बिचपुरी ब्लॉक के ग्राम बरारा निवासी लाखन सिंह के पुत्र देवांश धनगर ने मात्र 11 वर्ष की आयु में कम्प्यूटर कोडिंग की दुनिया में अंतरराष्ट्रीय पटल पर विशेष पहचान बना ली है। लगभग 150 से ज्यादा राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार जीत चुके देवांश को नासा (अमेरिका) ने वर्ष 2026 के मिशन मंगल की कोडिंग टीम का हिस्सा बनने के लिए आमंत्रित किया है। नासा ने उनको बोर्डिंग पास भी जारी कर दिया है।
देवांश ने कक्षा आठ तक की पढ़ाई घर से ही की, वह स्कूल नहीं गए। हाईस्कूल में वह स्कूल गए और परीक्षा उन्होंने 80 फीसदी अंकों से उत्तीर्ण की। अब 11 वर्ष की उम्र में वह इंटर की परीक्षा देंगे। वर्ष 2021 में महाराष्ट्र सरकार ने उन्हें बाल गौरव पुरस्कार दिया।
अब तक दस से ज्यादा ऐप बना चुके देवांश 500 से अधिक बच्चों को ऑनलाइन मुफ्त में कोडिंग की शिक्षा दे चुके हैं। देवांश किसी भी गणितीय समस्या को चुटकियों में हल कर देते हैं।
देवांश के पिता ने वर्ष 1999 में आरबीएस खंदारी कैंपस से एमसीए किया था। वह कंप्यूटर प्रोग्रामिंग करते थे। देवांश ने अपने पिता से इस गुण को सीखा। कोडिंग के बारे में कई महत्वपूर्ण जानकारियां उन्होंने ऑनलाइन सीखीं। देवांश दिन के करीब सात से आठ घंटे लैपटॉप के साथ बिताते हैं। वह नई-नई कोडिंग के साथ एडवांस ऐप बनाने में जुटे रहते हैं। देवांश ने देवांश मारियो गेम भी बनाया है। देवांश एमआईटी जाना चाहते हैं। वह गरीब बच्चों के लिए मुफ्त एजुकेशन ऐप बनाएंगे ताकि गरीब बच्चे इंटरनेट से शिक्षा पाकर अपना भविष्य संवार सकें।
देवांश के पिता लाखन सिंह घर में ही एक एकेडमी चलाते हैं। इसमें करीब 70 से अधिक बच्चे पढ़ते हैं। वह गरीब बच्चों को मुफ्त में शिक्षा देते हैं।
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