जोर का झटका धीरे से: पुरुषोत्तम खंडेलवाल होंगे रामलीला कमेटी के अध्यक्ष
कार्यकारी अध्यक्ष नवीन जैन को अध्यक्ष बनाने के प्रयास विफल
आगरा, 07 जून। नगर की प्रमुख रामलीला कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष मेयर नवीन जैन को "जोर का झटका धीरे से" लग गया है। विधायक पुरुषोत्तम खंडेलवाल अब रामलीला कमेटी के नये अध्यक्ष होंगे। इसकी औपचारिक घोषणा ही शेष रह गई है। रामलीला कमेटी के अध्यक्ष और महामंत्री पद के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने के दिन आज अध्यक्ष पद पर केवल पुरुषोत्तम खंडेलवाल का और महामंत्री पद पर श्रीभगवान अग्रवाल का ही नामांकन दाखिल किया गया। चुनाव अधिकारी रामकिशन अग्रवाल के अनुसार, कल आठ जून को दोनों नामांकन पत्रों की जांच होगी और उसके बाद रामस्वरूप सिंघल कन्या इंटर कालेज परिसर में 16 जून को आम सभा के अधिवेशन में दोनों पदाधिकारियों की औपचारिक घोषणा कर दी जायेगी। रामलीला कमेटी में इन दो ही पदों का निर्वाचन होता है, शेष सभी पद मनोनयन से भरे जाते हैं।
गौरतलब है कि नवीन जैन तीन साल पहले भी हुए कमेटी के चुनावों में अध्यक्ष पद का पर्चा भरने की तैयारी में थे, लेकिन तत्कालीन उपमंत्री टीएन अग्रवाल के अध्यक्ष पद पर पर्चा भर देने और नवीन के पक्ष में नाम वापस न लेने पर नवीन ने अपने कदम पीछे खींच लिए थे। उस समय जगदीश प्रसाद बागला के अध्यक्ष पद पर आने पर टीएन अग्रवाल ने नाम वापस लिया था। बागला के भी एक साल बाद पद त्यागने पर पिछले साल कार्यकारिणी की बैठक में नवीन जैन को कार्यकारी अध्यक्ष मनोनीत कर दिया गया था। यह माना जा रहा था कि कार्यकारी अध्यक्ष बनने के बाद पूर्णकालिक अध्यक्ष बनने की उनकी राह आसान हो जाएगी। लेकिन यह अनुमान गलत निकला और इस साल चुनावी प्रक्रिया प्रारम्भ होने पर कुछ लोगों ने पुरुषोत्तम खंडेलवाल को अध्यक्ष पद के लिए नामांकन भरने के लिए तैयार कर लिया।
तीन जून को नामांकन प्रक्रिया आरम्भ होने पर शाम तक नवीन जैन के समर्थक उन्हें ही अध्यक्ष बनाने पर जोर दे रहे थे। लेकिन रात में बाजी पलट गई। कुछ लोगों ने पुरुषोत्तम खंडेलवाल के पास पहुंच कर उन्हें अध्यक्ष पद के लिए नामांकन करने के लिये तैयार कर लिया। अगले ही दिन नामांकन पत्र भी मंगा लिया गया। इसके पीछे रणनीति यह रही कि यदि पुरुषोत्तम और नवीन का मामला भाजपा के आला नेताओं के पास पहुंचे भी तो यह कहा जा सके कि पुरुषोत्तम ने पहले पर्चा ले लिया था, नवीन ने तो बाद में कदम उठाया।
लेकिन इसकी नौबत नहीं आई। नवीन जैन का पर्चा लिया ही नहीं गया। हालांकि दूसरा पक्ष पूरी तैयारी में था, उसने टीएन अग्रवाल के नाम से भी अध्यक्ष व महामंत्री पद के पर्चे मंगा लिए थे। मंशा थी कि यदि नवीन जैन अध्यक्ष पद पर पर्चा लें और महामंत्री पद पर कोई नया पर्चा आये तो टीएन को चुनाव लड़ा दिया जाये।
आज नामांकन पत्र दाखिल करने लिए पुरुषोत्तम खंडेलवाल स्वयं रामलीला कमेटी के कार्यालय पर पहुंचे। श्रीभगवान अग्रवाल का नामांकन भी आज जमा कर दिया गया।
मान-मनौव्वल पर माने श्रीभगवान अग्रवाल
स्वास्थ्य सम्बन्धी परेशानियों में घिरे श्रीभगवान अग्रवाल इस साल महामंत्री पद के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने के लिए तैयार नहीं थे। उन्होंने एक दिन पहले तक किये गए प्रयासों को विनम्रता के साथ ठुकरा दिया था। लेकिन कमेटी के कुछ वरिष्ठ पदाधिकारियों के अड़ने पर उन्हें झुकना पड़ा। उनका मान-मनौव्वल कर रहे लोगों का कहना था कि वे सम्मान बतौर महामंत्री बने रहें। दौड़-भाग के काम कमेटी के बाकी पदाधिकारी मिल-जुल कर करते रहेंगे।
प्रयास फलीभूत न होने का नुकसान उठाना पड़ा नवीन को
लगभग सालभर के कार्यकारी अध्यक्ष के कार्यकाल के दौरान नवीन जैन के प्रयासों का फलीभूत न हो पाना रामलीला कमेटी के पदाधिकारियों की नाखुशी का बड़ा कारण रहा। हालांकि नवीन जैन ने अपने स्तर पर कमेटी के मामलों को सुलझाने, विवादों का समाधान निकालने के पूरे प्रयास किये, लेकिन उनका सकारात्मक परिणाम आता नहीं दिखा। इससे भी पदाधिकारियों में उनके प्रति निराशा घर कर गई थी।
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