एक और दुःखद खबर, वरिष्ठ अधिवक्ता अचल शर्मा भइये नहीं रहे

सामाजिक, राजनीतिक, खिलाड़ियों और क़ानूनविदों में समान रूप से लोकप्रिय थे "भइये"
आगरा, 07 जून। शहर के लिए मंगलवार का दिन बड़ा अभागा रहा। सुबह होते ही जमीन से जुड़े नेता गोविंद अग्रवाल के निधन की मनहूस खबर आई तो दोपहर खत्म होते-होते शहर के वरिष्ठ एवं सर्वाधिक लोकप्रिय अधिवक्ता अचल कुमार शर्मा 'भइये' के निधन की खबर ने झकझोर दिया।
वह पांच दशकों की अवधि से वकालत व्यवसाय में पश्चिमी उत्तर प्रदेश तथा पड़ोसी राज्यों के समीपस्थ जिलों में जाना-माना नाम रहे। सामाजिक, राजनीतिक, खिलाड़ियों और क़ानूनविदों में समान रूप से लोकप्रिय अचल शर्मा का निधन अपूरणीय क्षति है। पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे अचल शर्मा ने दोपहर करीब तीन बजे अंतिम सांस ली। वे 75 वर्ष के थे। उनके निधन से समाज के हर वर्ग में शोक की लहर दौड़ गई। 
दो अक्टूबर, 1947 को स्व. ग्यासी राम शर्मा एवं स्व. कलादेवी शर्मा के परिवार में जन्मे अचल शर्मा ने अपना मुकाम अपनी मेहनत और लगन से हासिल किया। समाजवादी युवजन सभा की सक्रिय सदस्यता के साथ छात्र राजनीति की शुरुआत करने वाले भइये कांग्रेस से जुड़े और उन्हें तत्कालीन प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी का विशेष स्नेह प्राप्त हुआ। अपनी सभाओं से पूर्व श्रीमती गांधी अचल शर्मा को मंच से सम्बोधित करने के लिये कहती थीं, लेकिन बाद में उन्होंने राजनीति की बजाय वकालत को अपने पेशे के रूप में अपनाया। 
जीवन में प्रारंभ से क्रिकेट में विशेष रुचि रखने वाले अचल शर्मा ने आगरा कालेज की क्रिकेट टीम की कप्तानी में कई रिकार्ड बनाये। वह आगरा विश्वविद्यालय की टीम में भी शामिल रहे। आगरा कालेज छात्रसंघ के अध्यक्ष भी रहे। छात्र राजनीति के दौरान उन्हें पांच बार जेल भी जाना पड़ा। पर्यावरण संरक्षण हेतु ऐतिहासिक पालीवाल पार्क सहित विभिन्न पार्कों के रखरखाव में उनका सक्रिय योगदान रहा। संगीत साहित्य एवं लोक कलाओं को प्रोत्साहन देने के लिये भी वे हरसंभव मदद करते रहे।
उनका संरक्षण एवं मार्गदर्शन पाने वाले 50 से अधिक युवा एवं वरिष्ठ अधिवक्ता वर्तमान में आगरा, मथुरा, फिरोजाबाद, मैनपुरी, हाथरस, एटा तथा प्रदेश के अन्य जनपदों के विभिन्न न्यायालयों में सफलतापूर्वक विधिक सेवायें दे रहे हैं।
वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ. हरिदत्त शर्मा ने उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए इसे निजी क्षति बताया। उन्होंने कहा कि अधिवक्ता हितों के लिए उनका योगदान अतुलनीय था। हाईकोर्ट बेंच स्थापना संघर्ष समिति के संयोजक अधिवक्ता अरुण सोलंकी ने कहा कि शर्मा के आकस्मिक निधन से अधिवक्ताओं में शोक की लहर है। सभी अधिवक्ता कल आठ जून को न्यायिक कार्य से विरत रहकर अपनी शोक श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। सामाजिक कार्यकर्ता हरीश सक्सेना चिमटी ने भी भइये के निधन पर गहरा शोक जताया।


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