पुरुष व महिला पदाधिकारी के बीच विवाद बना चर्चा का विषय!
आगरा, 24 जून। एक समय खास होने वाले सामाजिक संस्था संकल्प के दो पदाधिकारियों के बीच व्हाट्सएप ग्रुप से रिमूव करने को लेकर विवाद छिड़ गया है। उन्होंने एक-दूसरे को कानूनी नोटिस भेज दिए हैं। महिला सामाजिक कार्यकर्ता ने नोटिस का जवाब देते हुए इन नोटिसों को ग्रुपों में भी शेयर कर दिया। इसके बाद पुरुष पदाधिकारी ने भी नोटिस को सोशल मीडिया पर जारी कर दिया। वहीं सूत्रों का दावा है कि व्हाट्सएप ग्रुप से हटाने का मुद्दा तो केवल दिखावे के लिए है। दोनों के बीच कुछ साल पहले तक नजदीकियां थीं जो किसी कारणवश दूरियों में बदल गई। अब दोनों एक-दूसरे पर हमलावर हो गए हैं। दोनों पक्ष एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं।
सामाजिक संस्था के अध्यक्ष और उनके साथ संगठन में काम करने वाली विभव नगर निवासी महिला कई सालों से सामाजिक कार्यक्रम में बढ़-चढ़ कर भाग लेते थे। दोनों के बीच काफी दोस्ताना व्यवहार था। आज दोपहर अचानक महिला सदस्य द्वारा ग्रुपों में अध्यक्ष द्वारा दिए गए नोटिस के जवाब में भेजे गए नोटिस की प्रतियां प्रेषित करने के बाद इनके बीच आई दरार के बारे में लोगों को पता चला।
अध्यक्ष ने अपने संगठन की महिला सदस्य को अपने अधिवक्ता के माध्यम से पिछले दिनों नोटिस भेजा। नोटिस में लिखा है कि एक जून, 2022 को व्हाट्सएप एप ग्रुप आगरा के खास ओ आम के आठ ग्रुपों से पक्षकार को रिमूव कर दिया गया। यह जान बूझकर बेइज्जती करने के लिए किया गया। जब उन्हें ग्रुप से हटाया गया तो उनके पास कुछ लोग बैठे थे, उन लोगों ने पक्षकार का मजाक बनाया गया। ग्रुपों में भी लोगों ने उनका मजाक बनाया। इससे पक्षकार की बदनामी हुई। इस कृत्य से उनकी प्रतिष्ठा खराब हुई।
नोटिस मिलने के बाद शुक्रवार को महिला सदस्य ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से जवाब भेजा। जवाब की कॉपी को उन्होंने व्हाट्सएप एप ग्रुपों में शेयर किया। नोटिस के जवाब में उन्होंने कहा कि अध्यक्ष द्वारा महिला सदस्य को अशोभनीय, अश्लील और असम्मानीय मैसेज भेजे गए। इस अमर्यादित और अशोभनीय व्यवहार के चलते ही उन्हें ग्रुप से हटाना पड़ा, उनकी बेइज्जती करने के लिए ऐसा नहीं किया गया। महिला ने नोटिस में लिखा है कि अगर वो अध्यक्ष द्वारा भेजे गए मैसेज को प्रस्तुत करती हैं तो वे धारा 354, 499 और 500 के अंतर्गत दंड के भागीदार होंगे। आने वाले समय पर उनके द्वारा सभी साक्ष्यों के आधार पर वैधानिक कार्यवाही की जाएगी।
दूसरी ओर अध्यक्ष ने महिला द्वारा लगाए गए आरोपों को निराधार बताया है। उनका कहना है कि महिला उनके ऊपर संस्था का महासचिव बनने के लिए दबाव बना रही थी। उन्होंने सवाल किया कि यदि मैंने अश्लील या अमर्यादित सन्देश भेजे थे तो उन्होंने तभी प्रतिरोध क्यों नहीं किया या व्हाट्सएप ग्रुप से रिमूव करते समय यह कारण क्यों नहीं लिखा। अब नोटिस के जवाब में इस तरह के आरोपों का क्या औचित्य है। उन्होंने कहा कि वे शीघ्र उचित मंच पर सभी बातों का खुलासा करेंगे।
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