ताजमहल को कोसते रहते हैं पांच गांवों के लोग
सुरक्षा बंदिशों के कारण नहीं आते रिश्तेदार और विवाह के प्रस्ताव
महीने में पांच दिन शाम को घरों में रहना पड़ता है कैद
आगरा, 09 मई। ताजमहल पूरी दुनिया में भले ही उसकी खूबसूरती के लिए जाना जाता है, लेकिन आपको आश्चर्य होगा कि इस ताजमहल को पांच गांवों के लोग कोसते भी रहते हैं। वजह है कि ताजमहल की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाये जाने से ग्रामीणों को कई दुश्वारियों का सामना करना पड़ता है। हालात यह हैं कि इन गांवों के चालीस प्रतिशत युवा कुंवारे हैं और उनके लिए शादी के रिश्ते भी नहीं आ रहे हैं।
सुप्रीमकोर्ट की निगरानी के बाद ताजमहल की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई थी। गढ़ी बंगस, नगला पैमा, तल्फ़ी नगला, अहमद बुखारी, नगला ढींग आदि गांवों का रास्ता ताजमहल के बगल से गुजरता है। सुरक्षा की दृष्टि से इस गांव की ओर जाने वाले व्यक्ति को 'पास' की आवश्यकता होती है। गांव के अधिकतर लोगों ने पास बनवा रखे हैं, लेकिन उनके रिश्तेदारों को गांव में आने में बेहद समस्याओं का सामना करना पड़ता है। चेक पॉइंट पर खुद जिसके घर पर रिश्तेदार आए हैं उसको बुलाया जाता है। उसके बाद ही उन्हें गांव में प्रवेश करने की अनुमति मिलती है। किसी भी मांगलिक कार्यक्रम में इनके रिश्तेदार नहीं पहुंच पाते हैं। यही नहीं, शादी-विवाह जैसे पवित्र रिश्ते के कार्ड देने व युवाओं के रिश्ते के लिए भी यहां पर लोग नहीं पहुंच रहे हैं। जिसकी वजह से 40 से 45 प्रतिशत युवा आज भी कुंवारे हैं।
वर्ष 1992 में ताजमहल को सुप्रीमकोर्ट ने अपनी निगरानी में लिया था। इसके बाद से इन गांव के लोगों को शहर जाने के लिए दशहरा घाट के निकट लगे नगला पैमा पुलिस चेक पोस्ट से होकर गुजरना पड़ता है या फिर 10 किमी घूमकर धांधूपुरा होकर जाना पड़ता है। सुबह और शाम थोड़ी देर के लिए बैटरी रिक्शा को छूट मिलती है। अगर कोई बीमार होता है या फिर गर्भवती महिला को इलाज के लिए ले जाना होता है तो केवल यहां पर सरकारी एंबुलेंस ही पहुंच पाती है।
इतना ही नहीं, ताजमहल पर माह के पांच दिन में रात्रि दर्शन के समय और वीआईपी मेहमान आने पर गाँव में ही कैद रहना पड़ता है। गांव के लोगों का कहना है कि काश! यह ताजमहल जैसी इमारत हमारे आस-पास नहीं होती। इस समस्या से कुछ लोग यहां से पलायन भी कर रहे हैं।
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