अस्सी साल का दूल्हा, सत्तर की दुल्हन

फेसबुक पर सम्पर्क में आये, मन्दिर में रचाया विवाह, अब कर रहे समाजसेवा
बाह के गांव फरैरा में करा रहे वृद्धाश्रम का निर्माण 
आगरा, 10 मई। कहते हैं प्यार की कोई उम्र और सीमा नहीं होती और इसी कहावत को चरितार्थ कर दिखाया है उम्र के अंतिम पड़ाव की ओर बढ़ रहे एक बुजुर्ग जोड़े ने। जनपद के बाह क्षेत्र में अस्सी साल के बुजुर्ग द्वारा सत्तर साल की महिला से शादी करने का मामला सामने आया है। 
समाजसेवा से जुड़े दोनों बुजुर्गों ने एक-दूसरे के कार्यों से प्रभावित होकर जीवन के बाकी दिन साथ गुजारने और मिलकर समाजसेवा करने का निर्णय लिया। दोनों ने अग्नि के सात फेरे लेकर धूमधाम से शादी की। बुजुर्ग दंपत्ति की शादी चर्चा का विषय बन गई है।
बाह तहसील के गांव फरैरा निवासी पूर्व उपायुक्त माता प्रसाद सैंथिया (उम्र करीब 80 वर्ष) एवं मुंबई अंधेरी वर्सोवा निवासी सेवानिवृत्त प्राचार्या भावेश्वरी (उम्र करीब 70 वर्ष) ने विगत 22 अप्रैल को मंदिर में शादी कर ली।
चार दिन पूर्व दोनों ने गांव आकर वृद्धाश्रम का निर्माण शुरू करा दिया। पूर्व उपायुक्त माता प्रसाद "निर्मल प्रेम मेमोरियल सोसाइटी" बनाकर शिक्षा, स्वास्थ्य क्षेत्र में समाजसेवा कर रहे थे। खाद्य सुरक्षा विभाग से सेवानिवृत्त हुए माता प्रसाद सैंथिया ने आठ माह पूर्व फेसबुक पर देवास (मध्य प्रदेश) में सेवा कार्य की पोस्ट की थी। इसे वर्सोवा (अंधेरी) मुंबई निवासी पूर्व प्राचार्या भावेश्वरी ने पसंद किया और सेवा कार्य से जोड़ने का आग्रह किया। इसके बाद बच्चों के टूर के साथ भावेश्वरी उज्जैन आईं। जहां दोनों की मुलाकात हुई। कुछ समय की मुलाकात में दोनों बुजुर्गों ने साथ रहने का निर्णय ले लिया।
इसके बारे में माता प्रसाद सैंथिया और भावेश्वरी ने अपने परिवारों की भी सहमति ली और विगत 22 अप्रैल को मंदिर में शादी कर ली। पूर्व प्राचार्या भावेश्वरी ने बताया कि पति की मौत के बाद 22 साल की बेटी पूजा के भरोसे जी रही थीं। परिवार में तीन भाई और एक बहन हैं। शादी रचाने के बाद दोनों बाह क्षेत्र के पैतृक गांव फरैरा आए। दम्पति गांव में वृद्धाश्रम का निर्माण कराकर निराश्रित, जरूरतमंदों की सेवा करेंगे।

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