डेढ़ साल में छह-सात सौ गैर प्रदूषणकारी उद्योग लगेंगे आगरा में
सुप्रीम कोर्ट से टीटीजेड को मिली राहत से उम्मीद जगी- राकेश गर्ग
आगरा, 06 मई। ताज संरक्षित क्षेत्र के लिए सुप्रीम कोर्ट के नये दिशा-निर्देशों में गैर प्रदूषणकारी उद्योगों को राहत मिलने के बाद से जिले के उद्यमियों में उत्साह का माहौल है। उन्होंने गैर प्रदूषणकारी उद्योग लगाने की पहल शुरू कर दी है। देश की कुछ बड़ी कम्पनियों के साथ भी संयुक्त उपक्रम लगाने के प्रयास किये जा रहे हैं। उम्मीद की जा रही है कि अगले एक-डेढ़ साल के भीतर छह-सात सौ छोटे-बड़े गैर प्रदूषणकारी उद्योग जिले में लग जाएंगे।
इस दिशा में पहला प्रयास फाउंड्री नगर में शुरू हो चुका है। यहां प्रदेश की पहली उद्योग आधारित बहुउद्देश्यीय-बहुमंजिली ग्रीन बिल्डिंग बनेगी। करीब 125 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट में ग्राउंड फ्लोर समेत चार फ्लोर पर 240 व्यावसायिक यूनिट लगेंगी, जिससे हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा। डेढ़ वर्ष में यह प्रोजेक्ट पूरा होने की उम्मीद है।
गौरतलब है कि ताज संरक्षित क्षेत्र में विगत करीब तीस वर्षों से नये उद्योग लगाने पर सुप्रीम कोर्ट की रोक लगी हुई है। राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण ने उद्योगों को विभिन्न श्रेणियों में विभाजित कर रखा है। इसके तहत केवल श्वेत श्रेणी के उद्योग ही इस क्षेत्र में लगाये जा सकते थे। जबकि उद्यमी लम्बे समय से ग्रीन कैटेगरी में भी उद्योग लगाए जाने की अनुमति की लम्बे समय से मांग कर रहे थे। इसके लिए एनजीटी और सुप्रीम कोर्ट में भी पैरवी की गई। उद्यमियों का दावा है कि कुछ समय पूर्व सुप्रीम कोर्ट ने टीटीजेड में ग्रीन कैटेगरी के गैर प्रदूषणकारी उद्योग लगाने की इजाजत दे दी। इसके बाद से ही नये उद्योगों की पहल शुरू हो गई।
उप्र लघु उद्योग निगम के अध्यक्ष नवनीत सहगल की अध्यक्षता में विगत दिवस लखनऊ में हुई बैठक में आगरा के फाउंड्री नगर और कानपुर के उद्योग नगर में 6700 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में बहुमंजिला फैक्ट्री कांप्लेक्स के निर्माण को स्वीकृति प्रदान की गई।
निगम के उपाध्यक्ष और आगरा के उद्यमी राकेश गर्ग ने बताया कि प्रोजेक्ट के लिए जमीन, ताज ट्रेपेजियम जोन अथारिटी, विभागीय कार्यवाहियां व डीपीआर की प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है। बहुमंजिला फैक्ट्री कांप्लेक्स में चार फ्लोर पर 240 यूनिट बनाई जाएंगी। इसके निर्माण में डेढ़ वर्ष का समय लगेगा और करीब 125 करोड़ रुपये की लागत आएगी। गैर-प्रदूषणकारी उद्योग के रूप में आगरा को गारमेंट इंडस्ट्री को प्राथमिकता दी जाएगी।
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