जल समाधि लेने पहुंच गए उत्तराखंड के होटल कारोबारी

देहरादून, 16 मई। चारधाम यात्रा पर बिना पंजीकरण के आ रहे यात्रियों को रोकने का विरोध करते हुए उत्तरकाशी के होटल कारोबारी सोमवार को मणिकार्णिका घाट पर जल समाधि लेने पहुंचे। जैसे ही व्यापारी जल समाधि लेने भागीरथी नदी में उतरे जिला प्रशासन की टीम मौके पर पहुंच गई और उन्हें ऐसा करने से रोका।
कारोबारियों का कहना है कि उत्तराखंड सरकार बिना रजिस्ट्रेशन के धाम के दर्शन को पहुंच रहे यात्रियों को वापस लौटा कर न सिर्फ यात्रियों को मुश्किल में डाल रही है, बल्कि इससे कारोबारियों को भी भारी नुकसान पहुंच रहा है। उत्तरकाशी के कई होटलों की बुकिंग कैंसिल हुई है, जिसकी भरपाई करना मुश्किल है।
जल समाधि की सूचना पर एसडीआरएफ और पुलिस के जवान भी खतरे की संभावना को देखते हुए रेस्क्यू उपकरणों के साथ बड़ी संख्या में मौके पर तैनात रहे। विधायक सुरेश चौहान और एसडीएम चत्तर सिंह चौहान भी मौके पर पहुंचे और होटल कारोबारियों से बातचीत कर उनकी समस्या का समाधान करने का आश्वासन दिया।
गौरतलब है कि चार धाम यात्रा शुरू होने के बाद से उत्तराखंड में अब तक 39 तीर्थ यात्रियों की मौत हो चुकी है। राज्य की स्थास्थ्य विभाग की महानिदेशक डॉ शैलजा भट्ट ने बताया कि इन सभी मौतों की वजह हाई ब्लड प्रेशर, हृदय संबंधी समस्याएं और माउंटेन सिकनेस (ऊंचाई से संबंधित समस्या) हैं। उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड में इस साल चार धाम यात्रा को शुरू हुए केवल 13 दिन ही हुए हैं. ऐसे में इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की मौत से स्वास्थ्य सेवाओं की तैयारियों पर सवालिया निशान लग रहे हैं. जानकारी के अनुसार विगत तीन मई को अक्षय तृतीया के पर्व से शुरू हुई चार धाम यात्रा में श्रद्धालुओं की इन मौतों को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गंभीरता से लिया है। सीएम के निर्देश पर प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग ने दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसके साथ ही प्रदेश सरकार ने मंदिरों में उमड़ रही भारी भीड़ को देखते हुए प्रत्येक धाम में दर्शन के लिए निर्धारित दैनिक श्रद्धालुओं की अधिकतम संख्या में एक हजार की बढ़ोतरी की है, ताकि ज्यादा से ज्यादा श्रद्धालु दर्शन कर सकें।

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