थानेदार ने भाई बनकर विदा की दुल्हन, रक्षा का वचन दिया
मंगलसूत्र न लाने पर लौटाई बरात वापस बुलाकर कराये फेरे
लखनऊ। यूं तो प्रदेश की पुलिस की कार्यशैली पर अक्सर सवाल खड़े होते रहते हैं, लेकिन विभाग में मानवीय संवेदनाएं रखने वाले भी अफसर हैं, यह आजकल खूब सामने आ रहा है। ताजा मामला देवरिया जिले का है। यहां एक बरात के लौट जाने की जानकारी मिलने पर थानेदार ने दोनों पक्षों को बुलाकर शादी कराई। उन्होंने दुल्हन को बहन मानते हुए रक्षा का वचन भी दिया और उसे एक मोबाइल फोन भी भेंट किया।
गौरतलब है कि इससे पहले चंदौली के डिप्टी एसपी ने एक लड़की की शादी का पूरा खर्च वहन किया था। उसके पहले देवरिया एसओ बरियारपुर आशुतोष ने मंदिर में शादी हो रही गरीब लड़की को शगुन के तौर पर फ्रीज, पंखा, मिक्सर दिये थे। अब देवरिया जनपद के गौरीबाजार थानाध्यक्ष विपिन मलिक ऐसा ही कार्य कर मिसाल पेश की।
दरअसल, शादी में दूल्हे पक्ष के मंगलसूत्र नहीं लाने पर दुल्हन ने सात फेरे लेने से इनकार कर दिया था, जिसके बाद बराती लौट गए। जानकारी मिलने पर थानेदार ने फौरन दूल्हे और लड़कीवालों को थाने बुलाकर समझाया। अगली सुबह दूल्हे पक्ष से मंगलसूत्र खरीदकर मंगवाया गया और अपनी मौजूदगी में अधूरी शादी को संपन्न कराया।
मामला यूपी के देवरिया जनपद स्थित गौरीबाजार थाना इलाके के बाकी फुलवरिया का है। दो दिन पहले इस गांव के हरेराम यादव के घर गोरखपुर के चौरी-चौरा से बरात आई थी। सब कुछ ठीक चल रहा था। जब सात फेरे लेने की बात आई, तो पता चला कि लड़का पक्ष शादी में चढ़ावे के लिए कोई जेवरात ही नहीं लाया। यहां तक कि मंगलसूत्र भी नहीं। यह बात जब दुल्हन अदिति यादव को पता चली तो वह मंडप से उठकर चली गई और शादी करने से मना कर दिया, जिसके बाद बरात लौट गई।
यह बात गौरीबाजार के थानेदार विपिन मालिक को पता चली। वह मौके पर पहुंचे और दूल्हे संजय यादव समेत लड़की अदिति यादव के भाई को थाने लेकर आए। पूरी रात उन्हें समझाया गया। फिर सुबह दूल्हे और उसके पिता ने मंगलसूत्र समेत चार सेट गहने के मंगाए। पुलिस की मौजूदगी में पूरे रस्मो-रिवाज के साथ शादी संपन्न हुई।
लड़की ने थानेदार से कहा, इतना सब कुछ हो गया। उसे डर है कि लड़के वाले उसके साथ गलत व्यवहार करेंगे। इस पर एसओ विपिन मलिक ने कहा, तुम मुझे भाई मानती हो तो शादी करो, हम वचन देते हैं कि तुम्हें कुछ नहीं होगा। इस दौरान थानेदार ने लड़की को मोबाइल फोन भी गिफ्ट किया।
दूल्हे ने बताया कि समस्या यह आई थी कि हम लोग मंगलसूत्र नहीं ला पाए थे, इसलिए लड़की वाले हल्ला करने लगे थे। मैंने कहा कि रुक जाइए, 2-3 घंटे लगेंगे, मैं मंगा देता हूं। हमने बाद में मंगाया भी। उसके बाद भी लड़की पक्ष अड़ा रहा कि शादी नहीं होगी। सूचना मिलने पर स्थानीय थाने से एसओ साहब की गाड़ी आई। हमको थाने ले गए, उनकी मदद से शादी हमारी जुड़ गई। हम बहुत खुश हैं। हमारी शादी टूट रही थी। उन्होंने शादी करवाई है।
थानेदार विपिन मलिक ने बताया कि लड़की के शादी से इनकार कर देने के बाद दूल्हे पक्ष ने मंगलसूत्र और मांग का टीका समेत पांच सेट सोने के गहने लाकर दे दिए थे। उसके बाद फिर लड़की कहने लगी कि बरात वापस चली गई है। मनमुटाव भी हुआ है, इसलिए अभी मुझे डर है कि शादी के बाद मैं खुश रह भी पाऊंगी या नहीं? मैंने भी उसे समझाया, लेकिन वह कहने लगी कि उसे सुरक्षा की गारंटी लिखित में चाहिए। आखिर में उसे बहन मानकर मैंने रक्षा का वचन दिया और अपना संपर्क नंबर भी दिया। तब जाकर वह अधूरी शादी पूरी करने के लिए तैयार हुई।
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