मेयर साहब, शास्त्रीपुरम में निवास बनाने का स्वागत है लेकिन.......!!

आगरा, 13 मई। महापौर नवीन जैन जी, सुना है आप शास्त्रीपुरम में निवास करने आ रहे हैं। जरूर आएं। इससे नगर निगम का कालोनी के प्रति विशेष ध्यान रहेगा। मेयर साहब, जब आप रहने आयेंगे तो तमाम व्यवस्थाएं दुरुस्त कर दी जाएंगी। ये लाज़िमी है। शास्त्रीपुरम वासियों का आपके यहाँ रहने से गौरव बढ़ेगा। लेकिन, कालोनीवासियों की आपसे किंचित अपेक्षायें भी हैं। वे इतना ही चाहते हैं कि ये विकास कार्य केवल आपके घर के आसपास तक सीमित न रह जाएं।
शास्त्रीपुरमवासी पूर्व में आपसे मिलकर कालोनी की समस्याओं को रख चुके हैं। आपने स्वयं भी क्षेत्र का दौरा करके समस्याओं का निरीक्षण किया था।
महापौर जी, आपके नये निवास के बाहर बड़ा नाला बहता है, जिसमें पूर्व के वर्षों में पूरी कार समा गई थी और कार सवार तीन लोग काल के गाल में समा गए थे। अब आपके यहां रहने आने की जानकारी मिलते ही निगम ने नाले की दीवार आरसीसी से बनवाकर तीन-तीन फीट ऊंची करा दी है। नाला पूरे शास्त्रीपुरम की मुख्य सड़क के सहारे बना हुआ है, यदि आप ये दीवार पूरे नाले पर बनवा देते तो जनता आपको दुआ देती और हादसों की सम्भावनायें कम हो जाती। 
लेकिन शायद नगर निगम पर पूरे नाले की दीवार बनाने के लिए बजट नहीं होगा। जैसे कालोनी में सड़क किनारे टाइल्स लगाने के लिए बजट नहीं है। ये अलग बात है कि बजट न होते हुए भी आपके नये निवास के बाहर की सड़क किनारे टाइल्स लगाए जा रहे हैं।
मेयर साहब, आपको याद होगा कि आपने छह-आठ महीने पहले यहां के लोगों से जर्जर सड़कों के बारे में पूछा था और कहा था कि तुरंत काम शुरू होगा। लोगों ने आपको सड़कों के बारे में बताया भी, लेकिन आपके नये निवास के सामने की सड़क को छोड़ कर अन्य सड़कों पर काम नहीं हुआ। आपके नये निवास की सड़क खराब नहीं थी, लेकिन निगम ने आपकी शान में उसे पुनः नई बनवाकर चमाचम कर दिया। जबकि शास्त्रीपुरम से कारगिल चौराहे की सड़क आज भी बदहाल है, आधा-अधूरा पैचवर्क करा दिया गया है।
मेयर साहब, अब आप रहने आ रहे हैं तो सड़क, सफाई व विद्युत प्रकाश की व्यवस्था तो नगर निगम को बढ़िया करनी ही है। आपकी सड़क पर नई लाइटें लगा दी गई हैं। सुबह छह बजे ही सफाईकर्मियों की टीम जिस तत्परता से आपकी सड़क पर जुटी दिखाई देती है, काश! वही जोश कालोनी में अंदर भी दिखाई दे तो लोगों को मेयर साहब का पड़ोसी होने का मान मिलेगा।
शास्त्रीपुरम कालोनी को नगर निगम में शामिल किए हुए आठ-दस महीने हो गए, लेकिन निगम यहां आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं करा पा रहा है। सड़कों की रोज झाड़ू भी नहीं लग रही है। कूड़ा गाड़ी भी रोज नहीं आती है। लोग ही नहीं, खुद निगम कर्मी भी खाली प्लाटों में कूड़ा उड़ेल जाते हैं। नालियां सिल्ट से भरी पड़ी हैं। लोगों के घर सीवर लाइन से नहीं जुड़े हैं।
मेयर साहब, शास्त्रीपुरम की बड़ी समस्या जलभराव की है। लोग पलायन कर रहे हैं। जनसमस्याओं को उठाने वाले पत्रकार भी यहां से निवास दूसरी कालोनियों में शिफ्ट कर चुके हैं। जलभराव का मुख्य कारण नाले की आगे निकासी न होना है। अब आप रहने आ रहे हैं तो लगता है, लखनऊ में बैठे अधिकारी भी चौकन्ने हैं। विगत गुरुवार को ही नाले को आगे मुख्य कलवर्ट से जोड़ने के लिये लखनऊ से 5.80 करोड़ रुपये स्वीकृत कर दिये गए हैं। हालांकि नाले के लिए यह राशि अवस्थापना निधि से स्वीकृत हुई है और इसमें नगर निगम का योगदान नहीं है, तथापि अब आप निगरानी करायेंगे तो यह समस्या शीघ्र दूर हो सकती है।
याद रखिये, क्षेत्रीय जनता को आपसे काफी उम्मीदें हैं, लोगों को अभी से लगने लगा है कि आपके यहाँ निवास बनाने से शास्त्रीपुरम भी कमलानगर की भांति चमक उठेगा।
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अगले महीने शिफ्ट हो सकते हैं महापौर
महापौर के नज़दीकी लोगों का कहना है कि वे अगले माह तक नये निवास में शिफ्ट हो सकते हैं। शास्त्रीपुरम गोल चौराहे से इंडस्ट्रियल क्षेत्र की ओर जाने वाली सड़क पर आधार मंगलम मल्टीस्टोरी के आगे नवीन जैन का फार्म हाउस है। इस फार्म हाउस में ही कोठी बनकर तैयार हो चुकी है। फिनिशिंग चल रही है। कमलानगर वाली कोठी में रद्दोबदल कर उसे नया लुक दिया जाना है, तब तक वे शास्त्रीपुरम में ही रहेंगे। यहां की आबोहवा रास आ गई तो प्रवास बढ़ भी सकता है।
गौरतलब है कि नवीन जैन और उनके तीन भाई कमलानगर में एक ही पंक्ति में बने घरों में रहते हैं। पिछले दिनों बड़े भाई प्रदीप जैन ने कमलानगर के ही दूसरे ब्लॉक में कोठी तैयार कराई है। अब नवीन भी अपनी कमलानगर की कोठी को नया लुक देने की तैयारी कर रहे हैं।


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