वाह रे! अम्बेडकर विश्वविद्यालय, राज्यपाल तक पहुँची शिकायत
चार जिलों के चार सौ से अधिक कालेज हाथ से निकले, फिर भी नहीं सुधरी कार्यप्रणाली
अलीगढ़ के राजा महेंद्र प्रताप सिंह विश्वविद्यालय ने लगाया असहयोग का आरोप
आगरा, 21 अप्रैल। डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय की लचर कार्यप्रणाली से सभी वाकिफ हैं। अब यह विश्वविद्यालय दूसरे विश्वविद्यालय को सहयोग न करने की बदनामी भी बखूबी ओढ़ रहा है। सहयोग न करने की शिकायत राजभवन तक पहुंच गई है। राज्यपाल कार्यालय को भेजे गए पत्र व ई-मेल में अंबेडकर विवि प्रशासन पर कोई सहयोग न करने का आरोप लगाया गया है। अलीगढ़ के राजा महेंद्र प्रताप सिंह विश्वविद्यालय के कुलपति ने यह शिकायत की है।
गौरतलब है कि राजा महेंद्र प्रताप सिंह राज्य विश्वविद्यालय बनने के बाद आगरा के डॉ भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय से सम्बद्ध अलीगढ़, एटा, कासगंज, हाथरस जिले के डिग्री कॉलेजों को राजा महेंद्र प्रताप सिंह विश्वविद्यालय से संबद्ध कर दिया गया। अलीगढ़ जिले के 148, हाथरस के 91, एटा के 131, कासगंज के 38 डिग्री कॉलेज राजा महेंद्र प्रताप सिंह विश्वविद्यालय से सम्बद्ध हैं।
राजा महेंद्र प्रताप सिंह वि.वि. के कुलपति प्रोफेसर चंद्रशेखर का कहना है कि 28 अप्रैल, 2021 के शासनादेश के अनुसार 15 जून, 2021 से अलीगढ़, एटा, हाथरस, कासगंज के समस्त महाविद्यालय उनके विश्वविद्यालय से संबद्ध हो गए। इन जिलों के महाविद्यालयों से संबंधित समस्त पत्रावली, अभिलेख, डाटा प्राप्ति के लिए राजा महेंद्र प्रताप सिंह राज्य विश्वविद्यालय ने डॉ भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय, आगरा को 21 जनवरी और 04 फरवरी, 2022 को लिखा। यही नहीं, विगत 16 फरवरी को राजा महेंद्र प्रताप सिंह यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार व्यक्तिगत रूप से मिले। इसके बाद विगत 24 फरवरी को राजभवन में आयोजित कुलपतिगणों की बैठक में कुलाधिपति (राज्यपाल) ने पुराने विश्वविद्यालय को नए विश्वविद्यालय का सहयोग करने के निर्देश दिए। परंतु इतने पर भी अभी तक समस्त पत्रावली, अभिलेख और डाटा उपलब्ध नहीं कराए गए हैं। प्रो. चन्द्रशेखर सिंह ने इस बारे में कुलाधिपति के अपर मुख्य सचिव को अवगत करा दिया है।
प्रावधान किया गया है कि राजा महेंद्र प्रताप सिंह यूनिवर्सिटी में जब तक शिक्षणेत्तर के पद सृजित नहीं हो जाते या उन पर नियुक्ति नहीं हो जाती, तब तक डॉ बी आर अंबेडकर विश्वविद्यालय ऐसे कार्मिक उपलब्ध कराएगा, जो राजा महेंद्र प्रताप सिंह यूनिवर्सिटी में कार्य करने के लिए इच्छुक होंगे, परंतु अभी तक इस दिशा में भी कोई प्रगति नहीं हुई।
पत्र में कुलपति प्रोफेसर चंद्रशेखर ने अवगत कराया कि शासन द्वारा डॉ भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय, आगरा के सहायक सचिव कैलाश बिंद को अलीगढ़ की राजा महेंद्र प्रताप सिंह यूनिवर्सिटी से संबद्ध किया गया, उन्होंने 08 जनवरी, 2022 को कार्यभार ग्रहण कर लिया, लेकिन वह भी नियमित रूप से सहयोग नहीं कर रहे हैं।
प्रोफेसर चंद्रशेखर ने उच्च शिक्षा अनुभाग के अपर मुख्य सचिव को भी इस बारे में पत्र लिख दिया है। उनका कहना है कि राजा महेंद्र प्रताप सिंह विश्वविद्यालय को सत्र 2022-23 की शुरुआत करनी है और सभी सम्बद्ध कॉलेजों में सत्र शुरू होना है। दूसरे सेमेस्टर की परीक्षाएं भी नए विश्वविद्यालय के द्वारा होनी हैं, पर डॉ भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय द्वारा फाइल उपलब्ध न कराने के कारण सत्र में विलंब होने का खतरा मंडरा रहा है।
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