पचास टन कूड़े से खोज निकाले सोने के कुंडल और लौंग
आगरा, 21 अप्रैल। दयालबाग क्षेत्र में एक अनूठा मामला सामने आया है। दो बहनों ने गलती से कूड़े की गाड़ी में फेंक दी अपने सोने के कुंडल व लौंग की पुड़िया को छह घण्टे की मशक्कत के बाद पचास टन कूड़े के ढेर से खोज निकाला। इस कार्य में उनके पड़ोसी ने भी पूरा साथ दिया।
टूंडला के टीकरी गांव की दो बहनें रुचि और अनुष्का यादव दयालबाग के नगला हवेली में किराए पर रहती हैं। रुचि आरबीएस कालेज से बीएड कर रही है। अनुष्का डीईआई में बीएससी द्वितीय वर्ष की छात्रा है।
एक समाचार पत्र के अनुसार, मंगलवार की सुबह रुचि कालेज जाने से पहले अपने कानों के सोने के कुंडल और लौंग को कागज की पुड़िया में लपेटकर पलंग पर रखकर चली गई। उधर घर में अनुष्का अपने प्रोजेक्ट के काम में लग गई और पलंग पर ही प्रोजेक्ट के लिए कागज काटने और चिपकाने लगी।
इसी बीच कचरे की गाड़ी आई तो अनुष्का ने कागज और कूड़ा थैली में बांध कर फेंक दिया। रुचि पूर्वाहन 11 बजे कालेज से लौटी तो अपने कुंडल और लौंग की पुड़िया ढूंढने लगी। कागज की पुड़िया नहीं मिली तो अनुष्का से पूछा। तब अनुष्का को याद आया कि पुड़िया कहीं कूड़े में तो नहीं चली गई। इस पर रुचि का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। दोनों बहनें घर से बाहर निकलकर कूड़े की गाड़ी को ढूंढने लगी।
पड़ोसी लक्ष्मी नारायण सविता को घटना का पता चला तो वह भी दोनों बहनों की मदद करने लगे। उन्होंने पार्षद अनिल दिवाकर को फोन कर कूड़े की गाड़ी वाले का नंबर लिया। उससे संपर्क किया। गाड़ी के चालक ने बताया कि वह टैगोर नगर में है। लक्ष्मी नारायण, अनुष्का को लेकर टैगोर नगर पहुंचे। गाड़ी कूड़े से भरी हुई थी। चालक दीवान ने बताया कि वह सूखा कूड़ा वजीरपुरा में उतारेगा। इस पर दोनों वजीरपुरा पहुंचे, कूड़े में थैली ढूंढी, लेकिन नहीं मिली। चालक ने बताया कि गीला कूड़ा ट्रांसपोर्ट नगर में उतरता है। यहां से लक्ष्मी नारायण व अनुष्का ट्रांसपोर्ट नगर पहुंचे। वहां कूड़ा उतरा तो सफाई कर्मचारियों की मदद से थैली ढूंढवाई। घंटों की मेहनत के बाद थैली मिल गई। इस काम में सुबह 11 से शाम पांच बजे तक का समय लग गया और भूसे के ढेर में सुई ढूंढने जैसे मुश्किल काम को पूरा करने में सफलता मिल ही गई।
कूड़े के ढेर में थैली मिलने की जानकारी पर बड़ी बहन रुचि के चेहरे पर भी मुस्कान लौट आई।
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