आगरा में देखने लायक बहुत कुछ, पर बताने के प्रयास नहीं हुए
मुख्य सचिव ने कहा, पर्यटन क्षेत्र में 25 साल पुराने ही हालात
आगरा, 21 मार्च। प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्रा का कहना है कि यह शहर प्राकृतिक सम्पदा से भरपूर है। सूर सरोवर, कैलाश मंदिर, राजेश्वर मंदिर, मनःकामेश्वर मंदिर, बल्केश्वर महादेव मंदिर, पृथ्वीनाथ महादेव मंदिर पुरातन संस्कृति के दर्शन कराते हैं। भालू व हाथियों का रेस्क्यू सेंटर, चंबल सेंचुरी आदि स्थान पर्यटन की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण हैं।
मिश्रा आज यहां ताज महोत्सव के अंतर्गत सामाजिक संस्था स्पीहा, टूरिज्म गिल्ड व यू.पी. टूरिज्म के तत्वावधान में आयोजित संगोष्ठी बियॉन्ड द ताज को सम्बोधित कर रहे थे। होटल जेपी पैलेस में आयोजित इस संगोष्ठी में मुख्य सचिव ने दुःख जताया कि करीब 25 वर्ष पहले भी पर्यटक ताज देखने के बाद आगरा में नहीं रुकते थे, वही हाल आज भी बना हुआ है। जबकि आगरा में देखने के लिए बहुत कुछ शेष रह जाता है। ताज के बाद आगरा में क्या देखने लायक है, इस थीम को और विकसित करना होगा। यहां आने वाले पर्यटकों से आगरा नेचुरल वैल्थ के बारे में बात नहीं होती है। इसके लिए टूरिज्म गिल्ड, पर्यटन संस्थाओं, सामाजिक संस्थाओं एवं शिक्षा से जुड़े संस्थानों को आगे आना होगा।
संगोष्ठी में प्रदेश के अतिरिक्त मुख्य सचिव मनोज सिंह ने कहाकि आगरा के पास इतिहास तो है ही, भूगोल भी है और हमें ईको टूरिज्म को बढ़ावा देना चाहिये। प्रमुख सचिव एवं महानिदेशक पर्यटन मुकेश मेश्राम ने कहा कि पर्यटन उद्योग में समावेशी दृष्टिकोण होना चाहिए। आगरा के कमिश्नर अमित गुप्ता ने कहाकि यहां पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के अंतर्गत काम किया जा सकता है और सरकार इसके लिए सहयोग भी करेगी। उन्होंने बताया कि आगरा के लिए एक नयी एप भी जल्द आने वाली है जिसमें शहरवासियों के लिए कई सुविधाओं का प्रावधान होगा।
संगोष्ठी को राजीव नारायण, स्फीहा अध्यक्ष एमए पठान, राधास्वमी सत्संग सभा के अध्यक्ष गुर स्वरूप सूद, अरुण डंग, हरि सुकुमार ने भी सम्बोधित किया। प्रो. पी. एस. सत्संगी वर्चुअल रुप से जुड़े। ए. डी. ए. के. वी.सी. राजेंद्र पैंसिया ने आगरा बारे में एक फिल्म भी दिखायी। धन्यवाद ज्ञापन पंकज गुप्ता ने दिया और सुधीर नारायण ने सँचालन किया।
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