चैम्बर चुनाव: सक्रियता दिखाने लगे प्रत्याशी और उनके रणनीतिकार, गोपनीय बैठकें शुरू

आगरा, 03 मार्च। नेशनल चैम्बर ऑफ इंडस्ट्रीज एंड कॉमर्स के वार्षिक चुनावों में अब उपाध्यक्ष के दो पदों और कोषाध्यक्ष पद के लिये प्रत्याशियों के बीच वोटरों को अपने पक्ष में करने की होड़ शुरू हो गई है। अधिकांश प्रत्याशी औद्योगिक व व्यापारिक ग्रुपों में जा-जा कर अपना प्रचार करने में लगे हैं। बन्द कमरों में भी रणनीतिक बैठकों का दौर शुरू हो गया है।
चैम्बर चुनावों में अकेला नामांकन होने के कारण शलभ शर्मा का अध्यक्ष बनना तय हो गया है, लेकिन उपाध्यक्ष के लिए चार प्रत्याशी और कोषाध्यक्ष के लिए दो प्रत्याशी मैदान में हैं। कार्यकारिणी के दो ग्रुपों (10--11) के लिये भी प्रत्याशियों ने भागदौड़ शुरू कर दी है।
उपाध्यक्ष पद के प्रत्याशी योगेश जिंदल प्रचार में प्रतिद्वंद्वियों के मुकाबले आगे हैं। उन्होंने न केवल सोशल मीडिया के माध्यम से बल्कि व्यक्तिगत मुलाकातों को भी गति दे दी है। उनकी सक्रियता की जानकारी मिलने के साथ ही मयंक मित्तल और रामरतन मित्तल भी सक्रिय हो गए हैं। चौथे प्रत्याशी संजय गोयल का प्रचार अभी थोड़ा धीमा लग रहा है, लेकिन उनके नज़दीकियों का दावा है कि संजय की तैयारी भी पूरी है और प्रचार में शीघ्र ही वे सबसे आगे निकलते दिखाई देंगे।
कोषाध्यक्ष पद के प्रत्याशी मनोज गुप्ता और विजय गुप्ता ने भी वोटरों से सम्पर्क साधना शुरू कर दिया है। बताया जाता है कि दोनों प्रत्याशियों में से किसी एक के ही मैदान में रहने के भी प्रयास शुरू हो चुके हैं, लेकिन फिलहाल दोनों ही स्वयं को सशक्त मानते हुए झुकने को तैयार नहीं हैं। 
सूत्रों का दावा है कि दोनों प्रमुख पदों पर प्रत्याशियों को कुछ पूर्व अध्यक्षों का समर्थन मिलने लगा है। पूर्व के सालों में प्रत्याशियों को समझाने-बुझाने में या फिर समर्थन देने में आगे रहने वाले कुछेक पूर्व अध्यक्ष इस बार अधिक सक्रिय नहीं हैं। इस स्थिति में अभी तक सेकेंड लाइन के माने जाने वाले कुछ पूर्व अध्यक्ष उनकी भूमिका अपनाने को आतुर हैं। कहा जा रहा है कि इन लोगों ने कुछ प्रत्याशियों को भरोसा दिलाना शुरू कर दिया है। चैम्बर की राजनीति को नजदीक से समझने वालों का मानना है कि यही स्थिति रही तो चुनाव अवश्यम्भावी है।
वैसे भी पूर्व अध्यक्षों की पिछले वर्षों हुई बैठक में तय हो गया था कि वे जरूरत पड़ने पर केवल अध्यक्ष पद पर ही प्रत्याशियों में समन्वय बनाने का प्रयास करेंगे। अन्य पदों पर वे तटस्थ रहेंगे, ताकि चैम्बर पर हावी रहने के उनपर लगने वाले आरोपों को खत्म किया जा सके। 
लेकिन नया वर्चस्व बनाने का प्रयास कर रहे लोगों ने अभी भी अपनी राजनीतिक गोटियां चलना बन्द नहीं किया है। निरन्तर गोपनीय बैठकों का दौर शुरू हो चुका है। दो दिन पहले दिल्ली गेट स्थित एक होटल में और कल कमलानगर में गुट विशेष के लोगों की बैठक हो चुकी है। इन बैठकों में तय किया जा रहा है कि किन प्रत्याशियों के साथ देना है और किसका नहीं।
चुनाव प्रक्रिया के तहत नौ मार्च की सुबह 10.30 बजे तक नाम वापसी की समय सीमा है। चुनाव 14 मार्च को अग्रवन में प्रस्तावित हैं।




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