आखिर कब बनेगा आगरा में बैराज?
जल संचयन के सरकारी प्रयास पूरे न होने पर रोष, नेशनल चैम्बर गठित करेगा टीम
आगरा, 23 मार्च। विश्व जल दिवस अवसर पर मंगलवार को नेशनल चैम्बर ऑफ इंडस्ट्रीज एंड कॉमर्स द्वारा आयोजित वर्चुअल गोष्ठी में वक्ताओं ने जल संचयन के सरकारी प्रयास पूरे न होने पर रोष व्यक्त किया। वक्ताओं ने कहा कि आगरा के साथ इससे ज्यादा क्रूर मजाक और क्या हो सकता है कि तीन बार शिलान्यास होने के बाद भी आज तक बैराज नहीं बन सका है। गोष्ठी में निर्णय हुआ कि चैम्बर एक टीम गठित कर जल समस्या के समाधान के लिए निरन्तर प्रयासरत रहेगा।
वर्चुअल गोष्ठी को प्रारम्भ करते हुए चैम्बर अध्यक्ष मनीष अग्रवाल ने कहा कि गिरते हुए भूगर्भ जल स्तर और पानी की निरन्तर कमी को देखते हुए निरन्तर प्रयास करने होंगे और समाज को एकजुट कर जागृति उत्पन्न करनी होगी। वरिष्ठ अधिवक्ता के.सी. जैन ने कहा कि केवल वर्षा जल संचयन से समस्या का समाधान सम्भव नहीं है हमेें जल प्रबन्धन की समग्र नीति बनानी होगी जिसमें प्रयोेग किये हुए जल की रिसाईकलिंग, नालों और सीवेज के पानी के शोधन के बाद उपयोग आदि उसके विशेष भाग होंगे।
अप्सा के अध्यक्ष डा. सुशील गुप्ता ने बताया कि अप्सा द्वारा आगामी वर्ष में जल संचयन एवं हरियाली को अभियान बनाने का निर्णय लिया गया है जिसमें बच्चों की अग्रणी भूमिका होगी। चैम्बर को भी एक टास्क ग्रुप बनाकर इस अभियान को आगे बढ़ाना चाहिए।
चैम्बर के पूर्व अध्यक्ष राजीव गुप्ता ने जल समस्या के समाधान की प्रभावी रणनीति को आगरा महायोजना-2031 व उसके अन्तर्गत बनने वाले जोनल प्लॉन्स का हिस्सा बनाने की मांग की और वर्षा जल संचयन के नियमों को लागू करने की बात कही।
आगरा व गाजियाबाद में रहे मुख्य नगर नियोजक व मुख्य आर्किटेक्ट वेद मित्तल ने कहा कि जल है तो कल है बिना जल के जीवन की परिकल्पना संभव नहीं है।
चैम्बर के पूर्व अध्यक्ष राजीव तिवारी ने कहा कि हमें यह निर्णय करना होगा कि जल बचाने व जल संचयन में कौन-कौन सी सरकार की जिम्मेदारियां है और कौन सी हमारी। होटल उद्यमी अरूण डंग ने कहा कि बैराज का तीन बार उदघाटन हो चुका परन्तु अभी केवल उसकी परिकल्पना ही है उसे एक सच्चाई बनाना होगा। वरिष्ठ पत्रकार राजीव सक्सेना ने जल के उपलब्ध अनेक स्त्रोतों की ओर ध्यान दिलाया। चैम्बर के कोषाध्यक्ष गोपाल खंडेलवाल ने भी अपने विचार व्यक्त किये।
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Lovly
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