ट्रॉली बैग के जरिये पोर्टरों की छंटनी करना चाहती है रेलवे!
आगरा, 26 मार्च। ट्रेन मैनेजरों (गार्ड्स) ने आज यहां मण्डल रेल प्रबंधक कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने आरोप लगाया कि रेलवे उनके लाइन बॉक्स की जगह ट्रॉली बैग की व्यवस्था करके न केवल उनके पोर्टरों की छंटनी करना चाहती है बल्कि गार्ड्स पर भी अनावश्यक बोझ लादने की तैयारी की जा रही है।
गार्ड्स ने लाइन बॉक्स हटाने के आदेश के विरोध में रेलवे बोर्ड के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। ऑल इंडिया रेलवे गार्ड्स काउंसिल के आह्वान पर आज देश में कई जगह डीआरएम कार्यालयों के बाहर प्रदर्शन किया। आगरा में भी डीआरएम कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि बॉक्स हटाने से सुरक्षा इंतजाम पर असर पड़ेगा।उन्होंने बताया कि रेलवे की शुरुआत से ही ट्रेन संचालन में लगे गार्डों को उनके जरूरी उपकरण और अपना सामान रखने के लिए लोहे का बॉक्स मिलता है जिसे लाइन बॉक्स कहते हैं। यह बॉक्स गार्ड ड्यूटी पर अपने साथ लेकर जाते हैं। इस बॉक्स को ढोने और ट्रेन से उतारने चढ़ाने के लिए अभी तक बॉक्स पोर्टर की तैनाती होती थी। इसमें झंडी, लाइट, एलवी बोर्ड, प्राथमिक उपचार पेटी समेत 16 संरक्षा उपकरण तथा भोजन बनाने का अनाज भी रहता है। गार्डों के अनुसार बॉक्स का वजन कम से कम 35 किग्रा होता है। आरोप है कि रेलवे बोर्ड ने बिना वार्ता के नियम विरुद्ध तरीके से बॉक्स हटाने का निर्देश दिया है।
गार्ड्स के अनुसार रेलवे बोर्ड लाइन बॉक्स खत्म करके ट्राली बैग देना चाहता है, जिसे लाना-ले जाना मुश्किल होगा। इस ट्रॉली बैग को गार्डों को खुद ढोना होगा। नई व्यवस्था से जहाँ गार्डों पर ट्रॉली बैग उठाने का भार बढ़ेगा वहीं बॉक्स पोर्टरों के पद भी खत्म हो जाएंगे। इसीलिए उनकी मांग है कि या तो बॉक्स की पुरानी व्यवस्था को ही कायम रखा जाए या ट्रॉली बैग उठाने की जिम्मेदारी बॉक्स पोर्टर को दी जाए।
गार्ड्स कहना है कि ट्रॉली बैग जब मिलेगा तो उसकी जिम्मेदारी उन्हीं की होगी और उसे घर ले जाना होगा जबकि लाइन बॉक्स का भी ताला लगाकर वह यहीं छोड़ जाते हैं। लाइन बॉक्स में रेलवे की संपत्ति होती है तो रेलवे के गार्ड लॉबी में उसे छोड़ दिया जाता है। जब ट्रॉली बैग को घर ले जाना पड़ेगा तो उसकी पूरी जिम्मेदारी गार्ड की हो जाएगी।
इस बारे में पूछे जाने पर रेलवे की जनसंपर्क अधिकारी प्रशस्ति श्रीवास्तव ने कहा कि गार्ड्स ने आज अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया। हालांकि नई व्यवस्था गार्ड्स की सुविधा के लिए ही की जा रही है, तथापि यदि उन्हें कोई शिकायत है तो उसे रेलवे बोर्ड तक पहुंचाया जाएगा। यदि बोर्ड के निर्णय में कोई फेरबदल हुआ तो उसे समय रहते सार्वजनिक किया जायेगा।
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1 Comments
Guard ke line box ke liye guard compartment me hi provisions hone chahiye,baki e mail or whatsapp se communication ho sakte he.adopting technology for efficient management is the only way out.
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