वाह री पुलिस! गैरों पर सितम, अपनों पर करम..

आगरा, 27 मार्च। शनिवार को शहर के एक प्रमुख समाचार पत्र में खबर प्रकाशित हुई कि पुलिस ने 22 ऑटो रिक्शा चालकों के पांच-पांच हजार रुपये के चालान काटे। आरोप है कि ये ऑटो रिक्शा चालक ऑटो के आगे और पीछे नम्बर प्लेट के एक-दो अंकों को छिपाने के लिए प्लेट पर कपड़ा लटका कर रखते थे। इस कारण सड़कों, चौराहों पर लगे सीसीटीवी कैमरों में उनके ऑटो के नम्बर स्पष्ट नहीं आ पाते थे।
इस खबर की पढ़कर लोगों को पुलिस की सक्रियता को लेकर तसल्ली जरूर हुई होगी, लेकिन हैरानी की बात यह है कि पुलिस की यह सक्रियता उस समय कहां चली जाती है, जब उसके अपने विभाग के लोग ही इन नियमों का उल्लंघन करते हैं।
ऊपर दिये गए दो चित्रों में यही दिखाने का प्रयास किया गया है। पहला चित्र भी शनिवार दोपहर का है। थाना सिकंदरा की पश्चिमपुरी पुलिस चौकी से निकलकर कारगिल शहीद चौराहे की ओर जाती इस महिला सिपाही के स्कूटर की नम्बर प्लेट पर निगाह डालिये। स्पष्ट नजर आ रहा है कि कुछ नम्बरों पर काला रंग लगाकर भ्रमित करने का प्रयास किया गया है।
पहला सवाल यह है कि खुद पुलिस महकमे होकर इस महिला सिपाही को इस प्रकार की नम्बर प्लेट वाला स्कूटर क्यों चलाना पड़ रहा है। दूसरा सवाल यह कि क्या सड़क पर सभी वाहनों पर नजर रखने वाले पुलिसकर्मियों को इस प्रकार की नम्बर प्लेट दिखाई नहीं देती हैं। या फिर अपने ही विभाग का मामला होने पर अनदेखी कर दी जाती है।
अब क्या यातायात पुलिस अधीक्षक ऐसे वाहनों के खिलाफ भी कोई अभियान चलायेंगे?

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