आग से एसएन मेडिकल कालेज में दो घण्टे तक अफरा-तफरी

आठ मंजिला सर्जरी इमारत को मरीजों से खाली कराया
एक-दूसरे पर गिरते रहे दहशत के कारण भागते लोग
आगरा, 15 मार्च। जिले के एसएन मेडिकल कॉलेज की आठ मंजिला सर्जरी बिल्डिंग में आज मंगलवार की दोपहर करीब एक बजे के आसपास कूड़े में लगी आग ने दो-ढाई घण्टे तक भारी हड़कम्प का माहौल बना दिया। आग से जान-माल का कोई नुकसान नहीं हुआ, लेकिन अफरा-तफरी का आलम यह रहा कि तीमारदार अपने मरीजों को लेकर इमारत के बाहर भागने लगे। चिकित्सकीय स्टाफ में भी भय फैल गया। आनन-फानन में मशीनों के रूम को बंद कर सभी बाहर की ओर भाग लिये। सूचना मिलते ही अग्निशमन विभाग की दमकलें और पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। किसी ने कहा कि शार्ट सर्किट से आग लगी तो किसी ने कूड़े के ढेर से आग का फैलना बताया। 
हुआ यह कि दोपहर में बेसमेंट के निकट पड़े कूड़े के ढेर में किसी कारण आग गई। इस कारण पूरे बेसमेंट में धुआं भर गया। यह धुआं यहां स्थित एसी की डक्ट से होता हुआ पांचवीं और छठी मंजिल तक पहुंच गया। एक साथ दो-तीन स्थानों पर भारी धुआं दिखाई देने से मरीजों और उनके तीमारदारों में भगदड़ मच गई। फायर ब्रिगेड की दो गाड़ियों को मौके पर देख पहली, दूसरी, तीसरी और चौथी मंजिल पर भर्ती मरीजों के परिजन घबरा गए। चीख-पुकार के साथ लोग बाहर भागने लगे। कोई मरीज को स्ट्रैचर पर तो कोई गोद में लेकर ही बाहर भाग रहा था। 
सूचना पर डीएम प्रभु एन. सिंह और अन्य अधिकारी घटनास्थल पर पहुंच गए। पूरी सर्जरी बिल्डिंग को खाली करा लिया गया। तीमारदारों ने बताया कि पूरी बिल्डिंग में धुआं-धुआं हो गया था। आधे घंटे तक मरीजों को कुछ समझ नहीं आया। 
एसएन मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डा. प्रशांत गुप्ता ने बताया कि नई सर्जरी बिल्डिंग में किन्हीं तीमारदारों ने बीड़ी पीकर कूडे़ में फेंक दी थी। इससे रैंप के पास से धुआं उठने लगा। जो धीरे-धीरे पूरी बिल्डिंग में भर गया। फायर फाइटिंग टीम को तत्काल बुलाकर आग को बुझा दिया गया। सभी मरीजों को एमसीएच बिल्डिंग में शिफ्ट कर दिया गया है। जान-मान का कोई नुकसान नहीं हुआ।

बड़ा खतरनाक मंजर था
इमारत के अंदर धुआं भरा था। किसी को कुछ नहीं दिख रहा था। बस लोगों के खांसने की आवाजें कानों में आ रही थीं। लोग एक-दूसरे पर गिर रहे थे। इसी बीच अंधेरा हो गया तो दहशत से दिल बैठने लगा कि अब क्या होगा। कुछ लोग तो रोने लगे। स्टाफ ने लिफ्ट से जाने से मना कर दिया। लोग बाहर निकलने के लिए सीढ़ियों पर एक-दूसरे पर गिरे जा रहे थे। वह बुरी तरह से घबराए हुए थे। करीब आधे घंटे की काेशिश के बाद वे इमारत के बाहर निकल सके। कुछ तीमारदारों ने असहाय मरीजों की मदद भी की। मथुरा के गांव लोहन पाल रावल निवासी 35 वर्षीय राधा देवी मरीजों और उनके तीमारदारों के लिए देवदूत साबित हुईं। इमारत में धुआं उठते हुए देखने के बाद सबसे पहले उन्होंने तीसरी मंजिल के तीनों वार्ड में भर्ती मरीजों व उनके तीमारदारों को भाग-भागकर इसकी जानकारी दी। स्टाफ की मदद से सभी को बाहर निकलवाने में मदद की। वह सबसे आखिर में अपना सामान लेकर वहां से निकलीं।



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