आगरा के शिव मंदिर में आते रहते थे शिवकुमार, लेकिन मंदिर प्रबंधक को कर दिया था मदद से इंकार

करीब साठ साल तक अटल जी के निजी सहायक रहे शिवकुमार पारीक का दिल्ली में देहांत

आगरा, 05 मार्च। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निजी सचिव रहे शिवकुमार पारीक का  उपचार के दौरान आज नई दिल्ली में निधन हो गया। वे करीब 83 वर्ष के थे। उनका अंतिम संस्कार रविवार 06 मार्च को सुबह 10.30 बजे गृहनगर जयपुर में होगा। बहुत कम लोगों को पता होगा कि शिवकुमार जी का आगरा से भी लगाव रहा और वे कई वर्षों तक निजी रूप से यहां आते रहे।

अटलजी के लंबे समय तक सबसे खास सिपहसालार रहे शिवकुमार पारीक उनके निजी सहायक के बतौर ही नहीं, बल्कि उनके हर राजनीतिक उतार-चढ़ाव के साक्षी रहे। उनकी अनुपस्थिति में कई साल तक शिवकुमार ने ही लखनऊ संसदीय क्षेत्र को संभाला था। जब तक वाजपेयी स्वस्थ थे, उनके हर पारिवारिक कार्यक्रम में शरीक हुए। जब वाजपेयी ने अस्वस्थता के कारण राजनीतिक और सामाजिक जीवन में सक्रियता कम कर दी, तब से शिवकुमार ही उनकी दिनचर्या को संभालते रहे थे। इससे पहले शिवकुमार आरएसएस के हार्डकोर स्वयंसेवक थे। अपने लम्बे-चौड़े गठीले शरीर और बड़ी रौबदार मूंछों के कारण वे औरों से अलग दिखते थे।

शिवकुमार जी का आगरा से भी नजदीकी नाता रहा। जब भी अटल जी यहाँ आते तो वे उनके साथ दिखते थे। इसके अलावा वे व्यक्तिगत रूप से भी आगरा आया-जाया करते थे। उनके आगरा आते रहने का एक बड़ा कारण शहर के मध्य में स्थित एक शिव मंदिर के दर्शन करना भी रहता था। 

एक बार की बात है, यह एक करीब नब्बे के दशक की घटना रही होगी। एक दोपहर शिवकुमार अकेले आगरा के इस शिव मंदिर से दर्शन करके निकल रहे थे। उस समय यह संवाददाता भी दर्शन के बाद मंदिर परिसर में निकास द्वार के निकट मंदिर प्रबन्धक से वार्ता कर रहा था। शिवकुमार को पहचानने और शिष्टाचार नमन के बाद इस संवाददाता ने मंदिर प्रबन्धक से भी उनका परिचय कराया। प्रबन्धक ने उन्हें सम्मान देते हुए बैठाया और हाल-चाल जाने। शिवकुमार ने बताया कि वे इस मंदिर में कई वर्षों से आते रहे हैं। उन्हें याद था कि कई वर्ष पहले मंदिर का मुख्य द्वार छोटा हुआ करता था। बाद में उसे विशाल रूप दिया गया।

शिवकुमार की मंदिर के प्रति श्रद्धा को देखते हुए मंदिर प्रबंधक की राजनीतिक महत्वाकांक्षा जाग उठी। प्रबंधक का मन विधायक की टिकट पाने का था। इसके लिए प्रबंधक ने चार-पांच बार शिवकुमार के दिल्ली स्थित निवास के चक्कर भी लगाए। इस दौरान शिवकुमार ने प्रबंधक की मंशा समझते हुए पूरी सादगी के साथ किसी भी मदद से इनकार कर दिया था। उनका साफ कहना था कि यह पार्टी के दूसरे लोगों का काम है और वे किसी के काम में हस्तक्षेप या सिफारिश नहीं करते।

भाजपा विधायक पुरुषोत्तम खण्डेलवाल ने शिवकुमार के निधन पर दुःख व्यक्त करते हुए कहा कि वे अटलजी के हर सुख-दुःख के साथी रहे। उन जैसा समर्पित और बेहद निष्ठावान व्यक्ति आज के युग में दुर्लभ है।




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2 Comments

  1. हर किसी को नेता-अभिनेता बनने का चस्का है, मौकापरस्त ऐसे लोग-बाग ही देश धर्म का नाश करते हैं। श्री शिव कुमार जी व उन की कर्तव्यनिष्ठता को नमन।

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  2. आपने इशारतन सब कुछ बता दिया।
    शिव कुमार जी को विनम्र श्रद्धांजलि।

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