ताजमहल में पहुँची दशक की सर्वाधिक भीड़

शाहजहां के उर्स में चढ़ाई गई 1381 मीटर लम्बी सतरंगी चादर

आगरा, 01 मार्च। मुगल बादशाह शाहजहां के तीन दिवसीय उर्स के अंतिम दिन आज पूरे दिन प्रवेश निःशुल्क रहने से ताजमहल में रिकॉर्ड भीड़ उमड़ी। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के कर्मचारियों और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के जवानों को भीड़ नियंत्रित करने को काफी मशक्कत करनी पड़ी। प्रवेश द्वार पर  पर्यटकों की आधा किमी से अधिक लम्बी लाइन में लगी रही।

एक अनुमान के अनुसार, पिछले एक दशक में उर्स में इतनी भीड़ कभी नहीं रही। ताजमहल के पूरे दिन निःशुल्क होने का आकर्षण भी लोगों को खींचे ला रहा था। आज महाशिवरात्रि का सरकारी अवकाश होने के कारण भी बड़ी संख्या में स्थानीय पर्यटक व युवा ताजमहल देखने पहुंचे।

शाहजहां का 367वां उर्स ताजमहल स्थित उनकी कब्र पर मनाया गया। आज तीसरे व अंतिम दिन खुद्दाम-ए-रोजा कमेटी ने सतरंगी कपड़े की 1381 मीटर लंबी सतरंगी चादर चढ़ाई। हिंदुस्तानी सतरंगी कपड़े की चादर हनुमान चौक स्थित हनुमान मंदिर से शुरू होकर ताजमहल के दक्षिणी गेट पहुंची। दक्षिणी गेट से पर्यटकों का प्रवेश निषिद्ध होने से केवल चादर ही अंदर स्मारक में आई। स्मारक के पूर्वी व पश्चिमी गेटों से अंदर पहुंचे अकीदतमंद उसे मुख्य मकबरे तक ले गए। सतरंगी चादर का एक किनारा दक्षिणी गेट पर था तो दूसरा मुख्य मकबरे पर। चादरपोशी के दौरान चादर दो बार टुकड़ों में बंट गई। सिलाई व गांठ खुलने की वजह से ऐसा हुआ।

शाहजहां का उर्स रविवार को गुस्ल की रस्म के साथ शुरू हुआ था। सोमवार को संदल की रस्म हुई। आज सुबह ताजमहल खुलने के बाद कुलशरीफ हुआ और फातिहा पढ़ा गया। इसके बाद तवर्रुख बांटा गया। पहली चादर उर्स कमेटी द्वारा चढ़ाई गई। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने भी चादरपोशी की। मुख्य मकबरे के द्वार पर कव्वालों ने कव्वालियां प्रस्तुत कीं। रायल गेट पर शहनाई गूंजती रही।


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